इन दिनों आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड उद्योग की जांच तेज कर दी है. हाल ही में आरबीआई ने ग्राहकों के डाटा साझा करने को लेकर फेडरल बैंक और साउथ इंडियन बैंक को नए सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने से रुकने के लिए कहा है.
बढ़ती जा रही चिंता आरबीआई के अनुसार, बैंकों का क्रेडिट कार्ड में एक्सपोजर आक्रामक रूप से बढ़ा है, जो जनवरी से पिछली दो वार्षिक अवधियों में से प्रत्येक में 31 बढ़ गया है. यह 2022-23 की अवधि में नौ खुदरा ऋण क्षेत्रों में सबसे अधिक और 2023-24 की अवधि में दूसरा सबसे अधिक था. बढ़ती धोखाधड़ी को लेकर आरबीआई भी चिंतित है.
उल्लंघन की आशंका 2019 के बाद से बकाया क्रेडिट कार्डों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है. जबकि प्रति कार्ड औसत मासिक लेनदेन की संख्या जनवरी 2019 और जनवरी 2024 के बीच स्थिर रही है. जनवरी 2024 में प्रति कार्ड लगभग तीन लेन-देन पर, औसत मूल्य 47 बढ़ गया है.
निगरानी सख्त की उदाहरण के लिए, इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने ग्राहकों को अपना पसंदीदा नेटवर्क चुनने की छूट देने को कहा था . हाल के वर्षों में रिजर्व बैंक फिनटेक और प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रति सतर्क रुख अपना रहा है.