पौष्टिक और पर्याप्त भोजन नहीं मिलने से मुंह की बीमारियां बढ़ रही हैं. इनमें दांत खराब होना, छाले पड़ना, जीभ के रोग और मुंह का कैंसर भी शामिल हैं. नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. बुधवार को ‘वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे’ है.
अध्ययन के मुताबिक, पिछले साल जून में ब्रिटिश सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (बीएसपीडी) ने ऑनलाइन माध्यम से लोगों से सवाल किए. इनमें उनसे मुंह संबंधित बीमारियों और भोजन संबंधी सवाल किए गए. ब्रिटेन के लीवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस डाटा का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि खाद्य असुरक्षा यानी पौष्टिक और पर्याप्त भोजन नहीं मिलना मुंह की बीमारियों के लिए जिम्मेदार है. अध्ययन में ब्रिटेन के लोगों को शामिल किया गया. करीब 17 फीसदी परिवार मुंह की बीमारियों की चपेट में पाए गए. इसमें बताया गया है कि पांच साल से कम 29.3 फीसदी बच्चों में कैविटी की समस्या है. इतना ही नहीं, वर्ष 2021 से 2022 तक ब्रिटेन में 19 साल तक के 26,741 लोगों के खराब दांत को निकाला गया. इसमें पांच करोड़ यूरो खर्च हुआ. 80 फीसदी मामलों में खराब खानपान और खाद्य असुरक्षा के मामले सामने आए .
इसलिए मनाया जाता है यह खास दिवस
हर साल 20 मार्च को ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. इस दिन लोगों को मुंह के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि दांतों और मसूड़ों की देखभाल न करने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने की संभावना बना रहता है.
जंक फूड से बुरी तरह प्रभावित हो रहे दांत
दुनियाभर में जंक फूड प्रचलन में है. इसका सेहत से साथ दांतों पर बुरा असर पड़ रहा है. इससेे दांतों में सड़न और पायरिया जैसी समस्याएं बढ़ी हैं. उन्होंने बताया, जंक फूड में नमक व शक्कर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह आसानी से दांतों पर चिपक जाता है.