केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भाजपा के एजेंडे में है. यूसीसी 1950 से हमारा मुद्दा है. पार्टी का मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सभी लोगों के लिए एक समान कानून होने चाहिए.
शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा को 2014 में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीट में से 71 सीट पर जीत मिली थी, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल के खाते में दो सीट गई थीं. पार्टी को 2019 के चुनाव में प्रदेश की 62 सीट मिलीं और उसके सहयोगी दल को दो सीटें मिलीं. उन्होंने दावा किया कि इस बार आम चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में 2014 की तुलना में अधिक सीट मिलेंगी, साथ ही जनता सभी वंशवादी दलों को सबक सिखाएगी.
भाजपा शासित उत्तराखंड ने पिछले महीने यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए एक कानून बनाया, ताकि अलग-अलग आस्था के बावजूद सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और संपत्ति के अधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए समान नियम सुनिश्चित किए जा सकें. अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी इसी तरह के कानून लाए जाने की उम्मीद है.
सीएए पर भ्रम फैला रहा विपक्ष शाह ने कहा, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के बारे में कथित तौर पर भ्रम फैलाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की. केंद्र ने हाल में सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम जारी किए हैं. उन्होंने कहा, वोट बैंक के लिए विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि सीएए देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन लेगा. लेकिन सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा, केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, इसे किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.
बीजद से समझौते पर फैसला नड्डा करेंगे ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस पर अंतिम निर्णय लेंगे.
पीएम के साथ महिलाएं चट्टान की तरह खड़ीं
शाह ने राहुल गांधी की ‘शक्ति’ टिप्पणी का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हमारी परंपरा को न जानते हैं और न ही उसका सम्मान करते हैं. शाह ने कहा कि देश की महिलाएं प्रधानमंत्री के साथ चट्टान की तरह खड़ी हैं. वह (राहुल गांधी) नहीं जानते कि वह क्या कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि नारी शक्ति ने तय कर लिया है कि इस बार चुनाव में वे राहुल को अपनी असली ताकत दिखाएंगी.
चुनावी बॉन्ड से भाजपा को मुख्य रूप से लाभ होने के दावे को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि इसके खत्म होने के बाद चुनावी वित्तपोषण में काले धन की वापसी की संभावना है.