भाजपा ने कांग्रेस के बैंक खातों पर रोक लगाए जाने के लिए मोदी सरकार व भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार की आशंका देखते हुए उसका शीर्ष नेतृत्व भारतीय लोकतंत्र और संस्थाओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहा है.
भाजपा अध्यक्ष ने एक्स पर पोस्ट में दावा किया कि कांग्रेस अपनी अप्रासंगिकता का दोष अपनी सुविधा के अनुसार वित्तीय परेशानियों पर मढ़ रही है, जबकि वास्तव में उसका दिवालियापन नैतिक और बौद्धिक है, वित्तीय नहीं. नड्डा ने कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को जनता पूरी तरह नकारने वाली है. दरअसल, ऐतिहासिक हार की आशंका से उसके शीर्ष नेतृत्व ने प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय लोकतंत्र और संस्थाओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. अपनी गलतियों को सुधारने के बजाय कांग्रेस अपनी परेशानियों के लिए अधिकारियों को दोषी ठहरा रही है. उन्होंने कहा कि चाहे वह आईटीएटी (आयकर अपीलीय अधिकरण) हो या दिल्ली उच्च न्यायालय, उन्होंने कांग्रेस को नियमों का पालन करने और बकाया करों का भुगतान करने के लिए कहा, लेकिन पार्टी ने कभी ऐसा नहीं किया.
नड्डा ने आरोप लगाया कि जिस पार्टी ने हर क्षेत्र से हर राज्य में और इतिहास के हर क्षण में लूटा है, उसके लिए वित्तीय लाचारी की बात करना हास्यास्पद है. राहुल गांधी पर हमला करते हुए नड्डा ने उन्हें कांग्रेस का अंशकालिक नेता करार दिया. नड्डा ने राहुल गांधी को आपातकाल की याद दिलाई और कहा कि भारत में 1975 और 1977 के बीच की राजनीतिक स्थिति को सबको याद रखना चाहिए. उस समय भारत की प्रधानमंत्री कोई और नहीं बल्कि इंदिरा गांधी थीं.
कांग्रेस खाता फ्रीज करने के मामले में बहाने बना रही रविशंकर
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों ने अपनी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से वैश्विक स्तर पर भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार किया है. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया, जिसके कारण उसके खाते फ्रीज (लेनदेन पर रोक) किए गए. रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी को कोई न्यायिक राहत नहीं मिली और अब कांग्रेस उच्चतम न्यायालय गई है. इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने कांग्रेस की खिंचाई भी की थी. पार्टी को सलाह है कि जितना अधिक आप राहुल गांधी को बोलने देंगे, उतना ही अधिक अपना आधार खो देंगे.