सोने की कीमतों में गुरुवार को जबरदस्त उछाल आया और यह नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 1,130 रुपये चढ़कर 67,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया. पिछले सत्र में सोना 66,320 रुपये के भाव बंद हुआ था. वहीं, चांदी भी 1,100 रुपये उछलकर 77,750 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. पिछले सत्र में इसका भाव 76,650 रुपये प्रति किलोग्राम था.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चमक तेज अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर को स्थिर बनाए रखने के फैसले और इस साल दरों में तीन बार कटौती के संकेत से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में भारी उछाल देखा गया. इस बाजार में सोने का भाव 48 डॉलर चढ़कर पहली बार 2200 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गया.
चांदी भी बढ़त के साथ 25.51 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. पिछले कारोबारी दिवस में यह 24.84 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थी. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर में बिकवाली के समर्थन से सोना अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
अमेरिका में ब्याज दरों में बदलाव नहीं अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों का ऐलान किया और लगातार पांचवी बार इन्हें स्थिर रखा. हालांकि, फेडरल ने 2024 के आखिर तक ब्याज दरों में तीन कटौती के संकेत दिए हैं. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भविष्य में ब्याज दरों में तीन बार में 0.75 की कटौती होगी.
सेंसेक्स में 539 अंकों का उछाल
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का असर भारतीय शेयरों बाजारों पर भी दिखा और इनमें तेज उछाल आया. सेंसेक्स में 500 और निफ्टी में 170 अंकों से अधिक की बढ़त रही. वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी करीब 2.5 की तेजी के साथ बंद हुए.
बाजार में आई इस शानदार तेजी से निवेशकों को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. सेंसेक्स 539.50 अंक यानी 0.75 प्रतिशत उछलकर 72,641.19 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 780.77 अंक तक उछलकर 72,882 अंक पर पहुंच गया था.
भाव बढ़ने का आधार
सोने की कीमत काफी हद तक बाजार में सोने की मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है. सोने की मांग बढ़ेगी तो भाव भी बढ़ेगा. आपूर्ति बढ़ेगी तो दाम कम होगा. सोने की कीमत वैश्विक आर्थिक स्थितियों से भी प्रभावित होती है. उदाहरण के लिए यदि दुनिया की अर्थव्यवस्था खराब प्रदर्शन कर रही है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के विकल्प गोल्ड में निवेश करेंगे.
तेजी के पांच बड़े कारण
1. अमेरिकी फेडरल ने ब्याज दरों को स्थिर रखा
2. इस साल तीन बार ब्याज दरों मे कटौती से संकेत दिए
3. चीन समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी बढ़ाई
4. भू-राजनीतिक तनाव से सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा
5. डॉलर सूचकांक स्थिर, डॉलर में बिकवाली बढ़ी
शेयर सौदों के लिए नई व्यवस्था 28 मार्च से
बाजार नियामक सेबी ने शेयरों की खरीद-बिक्री के सौदे एक दिन में ही निपटाने का खाका जारी कर दिया है. नई व्यवस्था 28 मार्च से वैकल्पिक तौर पर लागू हो जाएगी. इसकी शुरुआत नकद सौदों में 25 शेयरों के साथ होगी.
साथ ही सीमित ब्रोकर्स ही इसमें शामिल हो सकेंगे.नई व्यवस्था में जिस दिन शेयर खरीदे-बेच जाएंगे, उसी दिन खाते में पैसा आ जाएगा.
कितना मुनाफा दिया
निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले 20 वर्षों में सोने ने 12 प्रतिशत का औसत वार्षिक मुनाफा दिया है. वहीं, 10 वर्षों का औसत रिटर्न 10 फीसदी के करीब है. विशेषज्ञों के अनुसार, निवेश पोर्टफोलियो में सोना रखना हमेशा अच्छा होता है. चाहे वह भौतिक सोना हो या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या ईटीएफ के रूप में हो.
कीमतों में और उछाल के संकेत
एचडीएफसी सिक्योरीटीज के कमोडिटी एवं करंसी प्रमुख अनुज गुप्ता ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की घोषणा उम्मीदों के मुताबिक है. उसने संकेत दिया है कि इस साल तीन कटौती होंगी. जब भी दरों में कटौती शुरू होगी, इसके परिणामस्वरूप सोने की कीमतों में और तेजी आएगी. इसके अलावा दुनियाभर में सुस्त आर्थिक विकास, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और 50 से अधिक देशों में चुनाव के चलते निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश में अवसर तलाशते रहेंगे.