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आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. अब तक युवाओं के लिए यह सबसे बड़ी चिंता बन रही थी लेकिन अब बच्चे भी इसका शिकार बनने लगे हैं. कुछ महीनों पहले ही गुजरात-तेलंगाना में 15 साल से छोटी उम्र के बच्चों को हार्ट अटैक (Heart Attack in Kids) आया. जिसके बाद उनकी मौत हो गई. चूंकि ये मामले बेहद गंभीर हैं, इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स सावधान हो जाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं बच्चों में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहा है और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं.
बच्चों में हार्ट अटैक का कारण
डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारियां होती हैं. मां के गर्भ में ही बच्चा कंजेनाइटल हार्ट डिजीज का शिकार हो जाता है. इनमें दिल में छेद और कुछ हार्ट डिजीज देखे जाते हैं. इनकी वजह से बच्चे की हार्ट वॉल्व और वेसल्स पर निगेटिव असर पड़ता है. कई मामलों में पैरेंट्स भी इस बात से अनजान होते हैं कि उनके बच्चे को इतनी खतरनाक बीमारी है.
बच्चों में हार्ट अटैक का कारण बढ़ता मोटापा
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चों में हार्ट डिजीज के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बढ़ता मोटापा है. खराब खानपान और बिगड़े लाइफस्टाइल के चलते उनमें मोटापा बढ़ रहा है, जो दिल बीमारियां बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं आजकल बच्चे बाहर खेलना कम कर रहे हैं, उनमें मानसिक तनाव बढ़ रहा है, जिससे उनकी बीपी बढ़ रही है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है.
बच्चों में हार्ट अटैक के क्या लक्षण हैं
1. होठों के पास नीले निशान
2. सांस लेने में तकलीफ
3. थोड़ा चलने पर भी सांस फूलना
4. सही तरह से विकास का न होना
5. चक्कर आना, छाती में दर्द
बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण दिखे तो क्या करें
1. अगर बच्चे की छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो तो बिना देर किए तुरंत अस्पताल लेकर जाएं.
2. जन्म के समय ही बच्चे की हार्ट की सभी जांच कराएं.
3. बच्चों को जंक फूड न खाने दें.
4. बच्चों की लाइफस्टाइल बेहतर बनाएं.
5. बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.