सिकलसेल संस्थान में 1.65 करोड़ का घोटाला, डॉ अरविंद नेरल को पाया गया दोषी
रायपुर. पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित सिकलसेल संस्थान में 1.65 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में शासन ने तत्कालीन डायरेक्टर जनरल व वर्तमान में पैथोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अरविंद नेरल को आरोप पत्र देने की तैयारी कर ली है. पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक शासन ने कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन जेपी पाठक को पत्र लिखकर आरोप पत्र का प्रारूप भेजने को कहा है. आरोप पत्र का प्रारूप मिलने के बाद यह पत्र शासन आरोपी को देगा. दो साल मंत्रालय में फाइल दबी रहने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है. इस मामले में तीन कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, लेकिन डायरेक्टर जनरल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
चिकित्सा शिक्षा विभाग की जांच में संस्थान के तत्कालीन डायरेक्टर जनरल डॉ. नेरल को मामले में दोषी पाया गया था और शासन से कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी. यह फाइल अप्रैल 2022 में शासन के पास भेजी गई थी, लेकिन फाइल अब तक मंत्रालय में दबी रह गई. पत्रिका ने इस मामले को दाल में काला, सफेद हाथी बना सिकलसेल संस्थान तथा एक लाख का टेबल, 93 हजार की कुर्सी खरीदी शीर्षक से 13 से 15 मार्च तक समाचार प्रकाशित किया था. समाचार प्रकाशित होने के बाद मंत्रालय के अधिकारियों ने घोटाले की फाइल खंगाली और डॉ. नेरल को आरोप पत्र देने का निर्णय लिया है. पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अवर सचिव जनक कुमार ने 28 मार्च को कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन यानी सीएमई पाठक को पत्र लिखकर आरोपपत्र का प्रारूप तत्काल भेजने को कहा था. सीएमई कार्यालय ने आरोप पत्र बनाकर शासन को भेज दिया है.
कोटेशन के अनुसार खरीदी दवा खरीदी में भी गोलमाल
पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सिकलसेल संस्थान में 2017-18 से 2021-22 तक 1.65 करोड़ की खरीदी केवल कोटेशन के आधार पर की गई. जबकि छग क्रय भंडार नियम के अनुसार एक लाख से ऊपर की खरीदी के लिए टेंडर जरूरी है. मामले में प्रशिक्षण समन्वयक आनंददेव ताम्रकार, प्रशिक्षण अधिकारी ज्योति राठौर व स्टोर कम मेंटेनेंस आफिसर पंकज कुमार उपाध्याय को सस्पेंड किया गया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन्हें बहाल कर दिया गया. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अवर सचिव राजीव अहिरे ने 20 जुलाई 2021 को शिकायत के आधार पर सिकलसेल संस्थान के महानिदेशक, प्रशिक्षण अधिकारी, स्टोर आफिसर समेत 5 लोगों के खिलाफ 4 बिंदुओं पर भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए थे.