केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए गए आईपीएस जीपी सिंह को कैट से बड़ी राहत मिली है. कैट ने चार हफ़्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है. 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते साल जुलाई के महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी.
बता दें कि एसीबी की टीम ने एक जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी, जिसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे. छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने एक तरफ जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था, वहीं दूसरी ओर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड कर 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था.
इस घटनाक्रम के बाद 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई. मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिली थी.
इस पूरे वाकये के बाद सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंप्लसरी रिटायर कर दिया था. जब आईपीएस को कंप्लसरी रिटायर करने का फैसला लिया गया था, तब जीपी सिंह की सेवा के आठ साल बचे थे.