आरडीए: सैकड़ों लोगों को कर्जदार बनाकर अब तक नहीं दिया आशियाना
रायपुर. आरडीए के कमल विहार प्रोजेक्ट में मकान और प्लॉट खरीदने वाले तकरीबन 1600 से ज्यादा हितग्राही आरडीए को करोड़ों रुपए का भुगतान करके अपने आशियाने के लिए भटक रहे हैं. सभी ने बैंकों से कर्ज लेकर कमल विहार और बोरियाखुर्द में स्वतंत्र ईडब्लूएस मकान के एवज में आरडीए को पहले ही भुगतान कर दिया है. अब किस्त और किराया दोनों भर रहे हैं.
आरडीए हितग्राहियों को अपने वादे के मुताबिक तीन साल में घर नहीं दे सका. हर बार कोविड और अन्य समस्या बताकर सभी प्रोजेक्ट को समय पर देने से आरडीए बच रहा है. विज्ञापन में साफ-साफ लिखा था कि आवंटन आदेश के अनुसार पहली किस्त देने के 3 वर्ष में मकान दिया जाएगा. लेकिन पहली किस्त का भुगतान करने के पांच साल से अधिक समय हो जाने के बाद भी कई लोगों को आज तक घर नहीं मिला है.
इन प्रोजेक्ट में दिक्कत
कमल विहार के सेक्टर-4, सेक्टर-11 और सेक्टर 14 में भी पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्राहकों को आवंटन किया गया है, लेकिन यहां भी कार्यों की रतार सुस्त गति से चल रही है. सेक्टर 12 में एलआईजी-2, 3 बीएचके के 832 यूनिट का निर्माण कार्य किया जाना है. इसके अलावा सेक्टर 13 में एलआईजी-2, 3 बीएचके के 288 यूनिट का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
खुद कर्ज मुक्त हुआ आरडीए
आरडीए 30 नवंबर 2023 तक पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो चुका है. इसके तहत पिछले दिनों प्लॉट बिक्री के बाद आरडीए द्वारा शहर के व्यस्ततम मार्ग की दुकानें और हाल फ्री होल्ड पर बेच दी है. बीते दिनों मकान और प्लॉट की हुई बिक्री में आरडीए को लगभग 62 करोड़ से ज्यादा की राशि मिल चुकी है. दूसरी ओर आम जनता बैंक से लोन लेकर आरडीए को पूरा पैसा दे चुकी है. अभी भी मकान नहीं मिलने के कारण खु़द किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं.
जुलाई तक पूरा होगा निर्माण: आरडीए के अधिकारियों का कहना है कि जुलाई तक सभी मकानों पर पजेशन दे देंगे. विभाग के मुताबिक अब तक आरडीए ने कमल विहार में 6082 मकान बनाया है. 1698 मकानों को जुलाई तक मकान हैंडओवर किया जाएगा. अब तक 4384 मकान आवंटियों को मिल गए हैं.