नई दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क यात्रियों के लिए असुरक्षित माने जाने वाले दो लेन के राष्ट्रीय राजमार्गों को समाप्त करने का फैसला किया है. मंत्रालय भविष्य में चार लेन, छह लेन अथवा एक्सेस कंट्रोल राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करेगी. इससे सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सड़क दुर्घटना के 2022 के आंकड़े के अनुसार, 4,61,312 सड़क हादसों में 1,68,491 यात्रियों की मौत हुई. इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर 36.2 फीसदी और राज्य राजमार्गों पर 24.3 प्रतिशत लोगों की जान गई. अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों में दो लेन सड़क यात्रियों के लिए सबसे अधिक असुरक्षित माने गए हैं.
कम चौड़ा होने की वजह से इसमें डिवाडर नहीं होते हैं. इसके अलावा, एक्सेस कंट्रोल नहीं होने के कारण दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहन बीच में घुस जाते हैं. इन तमाम कारणों से दो लेन राजमार्गों पर सर्वाधिक सड़क हादसे होते हैं. इसके मद्देनजर मंत्रालय ने देशभर के दो लेन राजमार्गों को चार लेन अथवा छह लेन में परिवर्तित करने का फैसला किया है. चार लेन और छह लेन राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच में डिवाइडर होता है. जिससे वाहनों की आमने-सामने की टक्कर नहीं होगी.
ओवरटेक के समय होती है आमने-सामने की टक्कर
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 10 मीटर चौड़े होते हैं. कम चौडाई के कारण ओवरटेक के समय वाहनों की आमने-सामने टक्कर होती है. इसके अलावा, ग्राणीम क्षेत्र में साइकिल सवार, पैदल यात्री, रिक्शा आदि के चलने से सड़क हादसे होते हैं. वहीं, चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 14.8 से 15.6 मीटर तक चौड़े होते हैं.