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भारतीय रिजर्व बैंक ने होम लोन लेने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए भुगतान नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब गृह कर्ज की ब्याज दर बढ़ने पर संबंधित बैंक या वित्त संस्थान मासिक किस्त या लोन की अवधि बढ़ाने का विकल्प कर्जदार को देंगे. ग्राहक चाहे तो दोनों का मिश्रित विकल्प भी अपना सकता है.
नए नियम के अनुसार कर्जदारों को ब्याज दर बढ़ने पर यह तय करने का मौका मिलेगा कि वह अपने लोन की अवधि बढ़ाना चाहते हैं या फिर मासिक किस्त को बढ़ाना चाहते हैं. या फिर दोनों विकल्पों का मिश्रण चाहते हैं. आरबीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि ब्याज दर फिर से तय करते समय एक निश्चित ब्याज दर पर स्विच करने का विकल्प दिया जाना चाहिए ताकि फ्लोटिंग या फिक्स में किसी एक का चुनाव करने में आसानी हो. आमतौर पर ब्याज दर बढ़ने पर बैंक होम लोन की अवधि को बढ़ा देते हैं. ये लोन की शर्तों में पहले से ही तय होता है.