नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देने के लिए रेलवे जनरल मैनेजर (जीएम) व डिविजन रेलवे मैनेजर (डीआरएम) को अधिक वित्तीय शक्तियां प्रदान की है. बोर्ड के इस निर्णय से अति आवश्यक परियोजनाओं को पूर्व अनुमति के बगैर शुरू करने की मंजूरी मिल सकेगी. इसका सीधा फायदा रेल व रेल यात्रियों को होगा.
रेलवे बोर्ड ने इस बाबत सभी जोनल रेलवे को आदेश जारी कर दिए हैं. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परियोजनाओं की मंजूरी के लिए जीएम, डीआरएम को शक्तियों में संशोधन का प्रस्ताव लंबित था, जिसे मंजूर कर लिया गया है. सभी जोनल रेलवे के जीएम अब 50 करोड़ लागत रुपये तक की बुनियादी ढांचा परियोजना को अविलंब मंजूरी दे सकेंगे. इसमें प्रमुख रूप से यार्ड की रीमॉडलिंग, रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण, पुल व सुरंग कार्य आदि के कार्य तेज से गति से हो सकेंगे.
अधिकारी ने बताया, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अलावा जीएम रेल अनुसंधान, कंप्यूटरीकरण, कर्मचारी कल्याण व रेल यात्रियों की सुविधाओं से जुड़े कार्यो पर 20 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे. इसी प्रकार डीआरएम पांच करोड़ लागत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए सक्षम है. विदित हो कि पूर्व में जीएम, डीआरएम रेल परियोजनाओं संबंधी प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजते थे.