तंबाकू के शौकीन देश पर डालेंगे 1.5 लाख करोड़ का बोझ
भारतीयों में धुआं रहित तंबाकू के सेवन की आदत खत्म नहीं की गई तो उनके इलाज पर 158 खरब से ज्यादा का खर्च उठाना पड़ सकता है. भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग धुआं रहित तंबाकू का सेवन करते हैं.
लंदन के ब्रुनेल विश्वविद्यालय की ओर से किए गए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. इस अध्ययन में नोएडा के राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं शोध संस्थान, सेंटर फॉर हेल्थ इनोवेशन एंड पॉलिसी फाउंडेशन सहित दिल्ली, इंग्लैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश के वैज्ञानिक शामिल थे. तीन वर्ष तक अध्ययन के बाद यह शोध मई मध्य में इंग्लैंड के सोसाइटी फॉर रिसर्च ऑन निकोटिन एंड टोबैको जर्नल में प्रकाशित किया गया.
अध्ययन में भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में धुआं रहित तंबाकू के सेवन से लोगों के इलाज में खर्च के बारे में बताया गया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि धुआं रहित तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य पर असर, जीवन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवाओं पर आर्थिक बोझ का पहली बार आकलन किया गया है. अध्ययन में यह बताया गया है कि इससे सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी पर असर पड़ेगा. यह अध्ययन तीनों देश की जनसंख्या को पांच समूह में बांटकर किया गया, जिसमें 15 साल से लेकर 74 साल की उम्र के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया.
चिंताजनक
भारत में प्रत्येक साल तंबाकू से होने वाली बीमारियों से 10 लाख लोगों की की मौत होती है. विश्व के 50 प्रतिशत मुख कैंसर के मरीज भारत में हैं.
सख्त नीति की जरूरत
अध्ययन के सह-लेखक राष्ट्रीय कैंसर शोध संस्थान के पूर्व निदेशक रवि मेहरोत्रा का कहना है कि तंबाकू सेवन की आदत को कम करने के लिए सख्त नीतियां ना बनी तो युवाओं को सबसे ज्यादा खामियाजा होगा. सिर्फ टैक्स बढ़ाने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च बुर्किना फासो और आर्मेनिया के जीडीपी के लगभग बराबर है.
कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा
अध्ययन के मुख्य लेखक ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रोफेसर सुभाष पोखरेल ने बताया कि भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन रोकने से स्वास्थ्य सेवा खर्च 1900 करोड़ डॉलर से ज्यादा होगा. तंबाकू से रोगों पर स्वास्थ्य सेवा खर्च का एक चौथाई हिस्सा धुआं रहित तंबाकू के कारण होता है.
भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन वालों की संख्या
खैनी 11 करोड़ से अधिक
गुटखा 07 करोड़ से अधिक
तंबाकू के साथ सुपारी 05 करोड़ से अधिक