डिलीवरी के महीनेभर बाद फ्रीजर हुआ खराब, कंपनी को 1.18 लाख रुपए लौटाने का आदेश

रायपुर डेयरी संचालक को ऑनलाइन खराब फ्रीजर की डिलीवरी करने वाली कंपनी को ब्याज सहित 1 लाख 18 हजार 226 रुपए देने का आदेश जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने दिया है. इसका भुगतान 45 दिन के भीतर खरीदार को करने के लिए कहा गया है.
वहीं, गारंटी अवधि में सुधारने और मरमत का खर्च नहीं देने पर जिला आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा ने नाराजगी जताई है. अधिवक्ता रूचिर झंवर ने बताया कि संतोषी नगर, रायपुर निवासी अच्युत डेयरी संचालक अरविंद वैष्णव ने जेसांग इंजीनियरिंग कानपुर के सीईओ शिवम कार्तिकेय से 300 लीटर का मिल्क फ्रीजर खरीदने के लिए कोटेशन मंगवाया.
इसके बाद 3 दिसंबर 2019 को कंपनी को 10000 रुपए बुकिंग करने के लिए एडवांस राशि जमा की. कंपनी के खाते में रकम जमा होने के बाद नियमानुसार 3 माह में डिलिवरी का आश्वासन दिया. निर्धारित अवधि में फ्रीजर नहीं भेजने पर डेयरी संचालक द्वारा लगातार फोन करने पर 18 जनवरी 2020 को 200 लीटर का डैमेज वाला फ्रीजर भेजा दिया. जबकि, सुरक्षित डिलिवरी करने के लिए खरीदार से 3500 रुपए पैकेजिंग शुल्क लिया गया था. इसकी जानकारी देने पर कंपनी ने बदलकर दूसरा फ्रीजर देने और उसे सुधारने का खर्च देने का आश्वासन दिया.
गारंटी के बावजूद नहीं सुधारा
डिलिवरी के महीनेभर बाद ही गारंटी अवधि में फ्रीजर के खराब होने पर डेयरी संचालक ने इसकी सूचना दी. लेकिन, इसे सुधारने के लिए कंपनी ने कोई पहल नहीं की. उल्टे स्थानीय मैकेनिक से ठीक करवाने के बाद 4200 रुपए के बिल का भुगतान करने का आश्वासन दिया. रकम वापस और फ्रीजर को वापस नहीं करने पर डेयरी संचालक ने दस्तावेजी साक्ष्य सहित जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया. दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला कि सही तरीके से पैकेजिंग नहीं करने के कारण ट्रांसपोर्टिंग के दौरान फ्रीजर डैमेज हो गया था. खरीदने के बाद गांरटी होने के बाद भी उसे सुधारने और खरीदार द्वारा खर्च की गई राशि नहीं लौटाई. यह उपभोक्ता के साथ सेवा में निनता के श्रेणी में आता है. इसे देखते हुए खरीदार को 87 हजार 480 रुपए लौटाने और मानसिक कष्ट के एवज में 15000 और वाद व्यय का 5000 रुपए देने का आदेश दिया.