नई दिल्ली: केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि भारत अपने गहरे समुद्र में मिशन शुरू करने वाला छठा देश बनने जा रहा है. मंत्रालय की 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जितेंद्र सिंह ने गहरे समुद्र में मिशन की प्रगति पर गर्व और खुशी व्यक्त की. कहा कि भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले कुछ ही देशों में से एक है.
उन्होंने संस्थानों से कहा कि वे समुद्र और उसकी ऊर्जा पर आजीविका के लिए निर्भर लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक लचीली नीली अर्थव्यवस्था हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करें. सिंह ने कहा कि गहरे समुद्र में मिशन केवल खनिज अन्वेषण तक सीमित नहीं है. बल्कि समुद्री विज्ञान के विकास और वनस्पतियों एवं जीवों की खोज तथा समुद्री जैव विविधता के संरक्षण तक सीमित है.
उन्होंने मत्स्ययान 6000 के विकास के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) के प्रयासों की सराहना की, जो समुद्र में 6,000 मीटर गहराई तक गोता लगा सकता है. प्रगति का जायजा लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को सितंबर तक पोत के बंदरगाह परीक्षण के पहले चरण को पूरा करने और 2026 तक अगले चरण को पूरा करने का निर्देश दिया.
मंत्रालय की सराहना की : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पोत के लिए ‘टाइटेनियम हल’ विकसित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर काम करने के लिए मंत्रालय की सराहना की, जो अत्यधिक दबाव को सहन कर सकता है. उन्होंने आपातकालीन स्थितियों से निपटने और 72 घंटों तक पानी में रहने के लिए स्व-तैरने वाली तकनीक के विकास की प्रगति की भी समीक्षा की.