सुरक्षित रेल सफर के लिए ‘कवच’ की तैयारी शुरू

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रेल हादसों पर अंकुश के लिए देश के ट्रंक रूटों पर टक्कररोधी तकनीक कवच लगाने का एक्शन प्लान लागू कर दिया है. इसके तहत आगामी छह माह में सभी सातों ट्रंक रूट पर कवच लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. भारतीय रेल के 60 फीसदी यातायात का दबाव इन्हीं रूटों पर है. इन रूटों पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन (160 किमी प्रति घंटा) वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की तैयारी भी है.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंक रूटों पर कवच के लिए कई मोर्चो पर एक साथ काम जारी है. इसमें कवच वर्जन 3.2 के स्थान पर वर्जन 4.0 का सफल परीक्षण हो गया है. संचार की लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) तकनीक से सटीकता में वृद्धि होगी.
मिशन मोड में होगा काम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि विश्व के अधिकांश रेलवे में 1980 में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम लगाया जा चुका था. लेकिन भारतीय रेल में हादसे रोकने के लिए उक्त तकनीक को नहीं अपनाया गया. मोदी सरकार के आने के बाद 2016 में नए वर्जन के साथ कचव को मंजूरी दी गई. 2019 में कड़े सुरक्षा परीक्षण के बाद रेलवे ने इसे लगाने का फैसला किया. 2021 से दो ट्रंक रूट पर कवच लगाने का काम तेजी से चल रहा है. वैष्णव ने दावा किया कि दिसंबर 2024 तक देश के छह ट्रंक रूट पर कवच लगाने का कार्य मिशन मोड में शुरू हो जाएगा.
वंदे भारत-गतिमान ट्रेन की स्पीड घटी
रेलवे बोर्ड ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के चालू होने तक सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों गतिमान एक्सप्रेस और वंदेभारत की गति 160 से घटाकर 130 किमी प्रति घंटा कर दी है.
वर्तमान में केवल गतिमान और दो वंदे भारत ट्रेनें उपयुक्त ट्रैक के कारण हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली) और आगरा रेल मार्ग के बीच 160 की स्पीड से चलती हैं.