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भारत को अपना क्लाउड और सर्वर सिस्टम बनाना होगा

नई दिल्ली. माइक्रोसॉफ्ट का क्लाउड सिस्टम बंद होने के बाद शुक्रवार को देश में कई संस्थानों का काम ठप हो गया. दिल्ली हवाईअड्डे सहित दुनिया भर में कई स्थानों पर लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. इसका बड़ा कारण देश में अपना क्लाउड सिस्टम का न होना है. दूसरा कारण भारतीय कम्पनियां का गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के क्लाउड सिस्टम पर निर्भर होना भी है.

शुक्रवार को आए संकट के बाद देश में अपनी क्लाउड प्रणाली की कमी बड़े स्तर पर महसूस की गई. इस संकट से हुए नुकसान का अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इसके अरबों रुपये तक होने की आशंका है. इतना तय है कि इस घटना के बाद सभी को भविष्य में आने वाली समस्याओं के प्रति सचेत रहना होगा.

युद्ध या फिर साइबर हमले की स्थिति में अगर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के सिस्टम का बटन बंद कर दिया जाए तो हमारे देश में आपात स्थिति पैदा हो जाएगी. देश की ज्यादातर कंपनियों और लोगों का निजी डाटा इन्हीं तीनों कंपनियों के क्लाउड सिस्टम पर उपलब्ध है. अगर इन तीनों कंपनियों के क्लाउड के हार्डवेयर में कोई दिक्कत आई या फिर कोई बड़ा साइबर हमला हुआ तो न केवल डाटा का नुकसान होगा बल्कि आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ेगा.

डाटा उपलब्ध न होने के चलते कंपनियों का ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह बंद हो जाएगा और इन्हें ऑफलाइन काम शुरू करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में हवाईअड्डों, बैंकों, अस्पतालों, रेलवे और पुलिस सहित अन्य निजी कंपनियों का काम ठप हो जाएगा. देश में अपना सर्वर और क्लाउड सिस्टम न होने का एक बड़ा नुकसान यह भी है कि देश से एक बहुत बड़ी रकम विदेशी कंपनियों को देनी पड़ती है. यह घटना इसकी मात्र एक बानगी है. भविष्य में इसके चलते बड़ी समस्याओं से भी दो चार होना पड़ सकता है. सुरक्षित साइबर स्पेस आज हमारी सबसे बड़ी जरूरत है.

ओला ने विकसित की खुद की क्लाउड प्रणाली

ओला ने अपना खुद का क्लाउड और मैप सिस्टम विकसित कर लिया है. ओला ने गूगल मैप की मदद लेनी बंद कर दी है और उनका डाटा अब अपने क्लाउड सिस्टम पर सुरक्षित है. है. किसी भी साइबर हमले से निपटने में उसे दूसरी कम्पनियों पर निर्भर नहीं रहना होगा.

● क्लाउड सिस्टम के ठप होने से अरबो में नुकसान की आशंका

● साइबर हमले की स्थिति में परेशानी हो सकती है

देश की कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अमेजन के क्लाउड सिस्टम पर निर्भर हैं, युद्ध या प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थिति में खड़ी हो सकती है बड़ी परेशानी

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