केंद्र सरकार प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2024 में सोशल मीडिया के न्यूज इंफ्लुएंसर्स को डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर (समाचार प्रसारक) की श्रेणी में ला सकती है. इसको लेकर सरकार ने नया मसौदा तैयार किया है. यह विधेयक मौजूदा केबल टीवी नेटवर्क कानून 1995 की जगह लेगा. विधेयक मसौदा राय शुमारी के लिए हितधारकों से साझा किया गया है. कैबिनेट मंजूरी के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.
सरकार के सूत्रों ने बताया, प्रसारण सेवा (विनियमन) 2024 के नए मसौदे में न्यूज इंफ्लुएंसर्स को ब्रॉडकास्टर की श्रेणी में रखा जा सकता है. उनके लिए डिजिटल समाचार प्रसारक (डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर) की श्रेणी बनाई जा सकती है. सूत्रों ने बताया, जो लोग नियमित रूप से सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करते हैं, पॉडकास्ट बनाते हैं या ऑनलाइन करंट अफेयर्स के बारे में लिखते हैं, उन्हें डिजिटल समाचार प्रसारकों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. नया मसौदा समाचार और समसामयिक मामलों के कार्यक्रमों को भी परिभाषित करता है, जिसमें मौजूदा श्रव्य, दृश्य या श्रव्य-दृश्य सामग्री, संकेत, लेखन, छवियों के अलावा पाठ भी शामिल है. वहीं, कार्यक्रम और प्रसारण की परिभाषाओं को भी क्रमश पाठ और पाठ्य कार्यक्रम को शामिल करने के लिए संशोधित किया गया है. मसौदा एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जो स्ट्रीमिंग सेवाओं और डिजिटल समाचार प्रसारकों से संबंधित मध्यस्थों और सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए नए दायित्वों को तय करते हैं.
ओटीटी प्रसारण सेवा की परिभाषा संशोधित
स्ट्रीमिंग सेवाओं के संदर्भ में ओटीटी प्रसारण सेवाएं अब इंटरनेट प्रसारण सेवाओं की परिभाषा का हिस्सा नहीं हैं. ओटीटी प्रसारण सेवा की परिभाषा को भी संशोधित किया गया है, जिसके कारण न केवल नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो, बल्कि सामग्री निर्माता जो नियमित रूप से सोशल मीडिया पर अपनी सामग्री अपलोड करते हैं, वे भी निश्चित रूप से ओटीटी प्रसारण सेवाएं हो सकते हैं. नया विधेयक सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों के लिए अलग-अलग उचित परिश्रम दिशा-निर्देश तय करने की अनुमति देता है. सभी मध्यस्थों को अपने प्लेटफॉर्म पर ओटीटी ब्रॉडकास्टर्स से संबंधित जानकारी सहित उचित जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है.