सुप्रीम कोर्ट ने एक-एक कर एनटीए की खामियां गिनाईं
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भले ही एमबीबीएस सहित स्नातक स्तरीय अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित नीट यूजी-2024 को रद्द करके दोबारा से परीक्षा आयोजित कराने का आदेश नहीं दिया, लेकिन एनटीए की ओर से हुई खामियों को उजागर किया.
अदालत ने भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में इस तरह की खामियों को लेकर सचेत रहने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हालांकि ‘एनटीए की इन खामियों के कारण व्यापक रूप से पेपर लीक नहीं हुआ, जिससे पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हो. पीठ ने एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स देने और फिर वापस लेने और ग्रेस अंक पाए छात्रों को दोबारा से परीक्षा में बैठने का विकल्प देने को भी एनटीए की खामिया बताई.
प्रश्नपत्र की सुरक्षा में गंभीर चूक
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए की खामियां गिनाते हुए कहा कि एक केंद्र में स्ट्रांगरूम जहां नीट यूजी का पेपर रखा गया था कि ‘पिछला दरवाजा खोला गया था और अनधिकृत व्यक्तियों को प्रश्नपत्रों तक पहुंचने की अनुमति दी गई थी. इससे जाहिर होता है कि यह यह प्रश्नपत्र की सुरक्षा में गंभीर चूक थी. एनटीए को भविष्य में इससे बचने के लिए कड़े और प्रभावी सुरक्षा उपायों को लागू करना चाहिए. लापरवाही का एक नमूना यह भी है कि प्रश्नपत्रों को कभी-कभी ई-रिक्शा में ले जाया जाता था और निजी कूरियर कंपनियों की सेवाओं का लाभ उठाया जाता था.
एक ही सवाल के दो सही उत्तर बताकर अंक देना
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए द्वारा एक सवाल के दो सही उत्तर बताने और दोनों उत्तर के लिए छात्रों को अंक दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए इसे घोर कमी बताया. बाद में शीर्ष अदालत ने इस सवाल का सहीं जवाब पता लगाने के लिए आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर परिणाम दोाबरा जारी किया गया और इसी वजह से टॉपर की लिस्ट से 44 छात्र बाहर हो गए और बड़े पैमाने पर रैकिंग बदल गई.
जीत हमेशा सत्य की होती है धर्मेंद्र प्रधान
नीट-यूजी परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि जीत हमेशा सत्य की होती है. शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट में विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि झूठ के बादल सच के सूरज को कुछ समय के लिए छुपा सकते हैं, लेकिन जीतता हमेशा सत्य है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम फैसले के साथ ही विपक्ष का प्रोपेगेंडा भी खारिज हो गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार परीक्षा प्रणाली में कोई गड़बड़ी नहीं है और न ही उसकी पवित्रता प्रभावित हुई है.