बिलासपुर: अरपा के पुनरोद्धार के लिए रिवाइवल प्लान पेश, पर सर्वे रिपोर्ट नहीं
बिलासपुर: अरपा पुनरोध्दार मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के समक्ष नगर निगम सहित 6 विभागों द्वारा अरपा रिवाइवल प्लान पेश करने के बाद मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही राज्य शासन ने अपने जवाब में कहा है कि उद्गम स्थल पर 5 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. इसके साथ ही 5 एकड़ जमीन वन विभाग से ली जाएगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरपा नदी में गंदे पानी को रोकने निगम की योजना के बारे में भी पूछा.
अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला और पेंड्रा के रहने वाले राम निवास तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें अरपा नदी में बाहरमास पानी के बहाव और नदी की हालत सुधारने की मांग है. उल्लेखनीय है कि उद्गम स्थल पर अवैध कब्जे के साथ नदी में प्रतिदिन 130 एमएलडी से अधिक जल मल की निकासी हो रही है.
हाईकोर्ट ने अरपा नदी में प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दो साल पहले शासन को अरपा रिवाइवल प्लान बनाकर कार्य करने के आदेश दिए थे. अरपा में प्रदूषण रोकने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर भी काम चल रहा है, परंतु यह अभी अधूरा है.
नालों के पानी को साफ कर नदी में छोड़ा जाएगा
जनहित याचिका पर निगम की ओर से बताया गया है कि निगम एरिया यानी कोनी से दोमुहानी तक अरपा में पहुंचने वाले सभी नालों के पानी की सफाई के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसमें मुयत चिल्हाटी और दोमुहानी स्थित एसटीपी की क्षमता क्रमश: 17 एमएलडी से बढ़ाकर 40 और 54 से बढ़ाकर 90 एमएलडी करने का टारगेट है. नालों के पानी को नदी में पहुंचने के पहले ही रोक कर एनजीटी के मापदंड के मुताबिक स्वच्छ कर नदी में छोड़ा जाएगा. नालों के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्वच्छ करने के बाद एनटीपीसी को बेचा जाएगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही रियूज वाटर के इस्तेमाल के आदेश दे रखे हैं. रियूज वाटर की सप्लाई के लिए नगर निगम और एनटीपीसी सीपत के बीच एमओयू होना है, जो 2021 से पेंडिंग है.