नौसेना के लिए रिमोट से चलने वाली गन का निर्माण
भारतीय नौसेना के लिए स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन बनाने का काम शुरू हो गया है. रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू कानपुर स्थित मुख्यालय एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्लूईआईएल) को मिले ऑर्डर पर काम शुरू हो गया है. 12.7 एमएम स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन (एसआरसीजी) का त्रिची समेत तीन आयुध निर्माणियों में उत्पादन शुरू हो चुका है. इसमें शहर के फील्डगन फैक्ट्री समेत निजी उद्योगों का भी सहयोग है.
5 सालों में 463 गन बनाने का ऑर्डर है. करीब दो किमी तक मार करने वाले इस हथियार में 85 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. युद्धपोत में लगने वाली यह गन समुद्री सीमाओं में होने वाली किसी भी घुसपैठ पर एक्टिव हो जाती है और रात के अंधेरे में भी अचूक निशाना साधती है.
घुसपैठी नावों के लिए है कहर नौसेना के युद्धपोतों और जहाजों पर लगने होने वाली यह तोप समुद्री सीमा में घुसपैठ करने वाली छोटी नावों और दूसरे छोटे जहाजों पर कहर बनकर टूटती है. रात के अंधेरे में घुसपैठ को अंजाम देने वाले दुश्मन भी इसके नजर से नहीं बच सकते हैं क्योंकि यह रात में भी अचूक निशाना साधती है.
एमएसएमई को मजबूत करेगा प्रोजेक्ट
एडब्लईआईएल के भारतीय नौसेना के साथ इस अनुबंध से एमएसएमई सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी. प्रबंधन के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी भारत मिशन के तहत 85 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री इसे बनाने में इस्तेमाल होगी. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू के साथ 125 तरह के निजी और सूक्ष्म उद्योगों को भी इसमें शामिल किया गया.