केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा. रायपुर में अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक के बाद उन्होंने प्रेस वार्ता में नक्सलियों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्होंने अपना रास्ता नहीं बदला, तो अंतिम प्रहार होगा. शाह ने कहा कि 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा. राज्य सरकार और केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रहे लोगों को साक्षर बनाने की पहल करेगी. एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन किया जाएगा और राज्य सरकार जल्द ही नई आत्मसमर्पण नीति की घोषणा करेगी. उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ मिली बड़ी सफलता के लिए भूपेश बघेल सरकार की सराहना की.
अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ की पुरानी नक्सलवाद की समस्या पर बैठक के दौरान भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का सैचुरेशन, विकास योजनाओं की प्रगति और सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या की समीक्षा करते समय पड़ोसी राज्यों का समन्वय बेहद आवश्यक है. उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ कठोर रणनीति अपनाने का समय आ चुका है और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. पिछले 40 वर्षों में करीब 17,000 लोगों ने इस संघर्ष में अपनी जान गंवाई है. मोदी सरकार ने इस समस्या को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है.
शाह ने बताया कि जिनके पास हथियार हैं, उनसे हथियार छीनने और जो हथियार नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें रोकने के प्रयास किए गए हैं. इसके साथ ही, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों का विकास भी प्राथमिकता में रहा है. उन्होंने कहा कि 2022 में पिछले चार दशकों में मौतों का प्रतिशत सबसे कम रहा और 14 शीर्ष नक्सली नेताओं को निष्क्रिय कर दिया गया. शाह ने बताया कि दो मुख्य उद्देश्यों के साथ काम किया गया: पहला, नक्सल क्षेत्रों में कानून व्यवस्था स्थापित करना और दूसरा, उन इलाकों का विकास करना.
शाह ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 हो गई है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हो गए हैं. 2004 से 2014 के बीच 16,000 घटनाएं हुईं, जबकि 2014 के बाद से 7,000 घटनाएं हुई हैं. इस दौरान 53% की कमी आई है और नागरिक सुरक्षा में 79% का सुधार हुआ है. 2010 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 96 थी, जो अब 42 तक सीमित हो गई है. शाह ने बताया कि 2019 से अब तक सीएपीएफ के 200 से ज्यादा कैंप बनाए गए हैं और वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय तंत्र पर कड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें ईडी की बड़ी भूमिका रही है.
शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को नक्सलवाद के खिलाफ मिली बड़ी सफलता के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में नक्सलियों को निष्क्रिय किया गया है और नए कैंप स्थापित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान किया है. आज सुरक्षा बल न केवल सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी योगदान दे रहे हैं.
शाह ने बताया कि बस्तर में 1,500 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी दी गई है और सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है. हर तीन किलोमीटर पर एक डाकघर खोला गया है और बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएं भी पहली बार दूरदराज के इलाकों में पहुंचाई गई हैं. कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गए हैं और 164 एकलव्य विद्यालय स्थापित किए गए हैं.
शाह ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियार छोड़ दें, और सरकार उनकी चिंता करेगी. उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्य सरकारों के बीच जॉइंट टास्क फोर्स बनाई गई है और केंद्र सरकार की एजेंसियां बेहतर समन्वय कर रही हैं.