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इलेक्ट्रिक वाहनों की सर्विस करने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नहीं

इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली दोपहिया कंपनियां नियमों के तहत अपने ग्राहकों को समय पर सर्विस देने में असफल साबित हो रही हैं. ग्राहकों को एक से दो हजार किलोमीटर चलने के बाद ही वाहन के अचानक से बंद पड़ने, बैटरी पूरी तरह से चार्ज न होने और स्टार्टिंग से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है.

अकेले ओला इलेक्ट्रिस से जुड़ी 10,000 हजार से अधिक शिकायतें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को मिल चुकी हैं. इसके साथ ही, अन्य कंपनियों के वाहनों को लेकर भी शिकायतें आ रही हैं. अब सभी मामलों की जांच की जा रही है. शिकायतों के आधार पर पता चलता है कि ओला इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में खराबी आने के बाद उसका पता लगाने और फिर उसे समय पर ठीक कर ग्राहकों को वाहन सौंपने में असफल साबित हुई है.

ग्राहकों को लंबा इंतजार करने के बाद भी अपना वाहन सर्विस सेंटर से नहीं मिल रहा है. इसको लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण पहले ही कंपनी को नोटिस जारी कर चुका है.

इसमें मामला वारंटी से जुड़े नियमों के उल्लंघन का भी है. इसको लेकर भारी उद्योग मंत्रालय भी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआईएआई) को पत्र लिखकर स्पष्ट कर चुका है कि ओला इलेक्ट्रिक फेम-2 और पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत लाभार्थी है और उसके लिए निर्धारित गारंटी को उपलब्ध कराना जरूरी है. ओला से जुड़े मामले में एआईएआई से जवाब मांगा था.

कंपनियों के पास कर्मचारियों का अभाव

सूत्रों का कहना है कि अभी तक की जांच प्रक्रिया से पता चलता है कि कई कंपनियों के पास वाहनों की समय पर सर्विस करने, खराबी का समय पर पता लगाने और उसे दूर करने का पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है. सर्विस सेंटरों पर काम करने वाले मैकेनिक व हेल्पर इलेक्ट्रिक वाहन की सर्विस करने के हिसाब से पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं. रोड पर उतरने के बाद जिन वाहनों में गड़बड़ी आ रही है, उनमें निर्माण संबंधी खामियों को भी कंपनी गंभीरता से नहीं ले रही है. ग्राहकों को वाहन में खराबी होने के बाद उसके ठीक होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इस मामले में ओला इलेक्ट्रिक की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. इसके बाद, ऐथर एनर्जी के इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर भी ग्राहकों की शिकायतें बढ़ रही हैं. इस स्कूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी है. इसके साथ ही, डिलीवरी सर्विस में समस्याएं आ रही हैं. इस तरह से कई अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों में खराबी आने के मामले सामने आ रहे हैं.

इस तरह की शिकायतें सबसे ज्यादा

● कई वाहनों में निर्माण संबंधी खामी, लगातार आ रही खराबी

● बुकिंग रद्द किए जाने पर सीमित या फिर शून्य रिफंड

● बैटरी से लेकर अन्य कलपुर्जों में खराबी की समस्या

● चलते-चलते अचानक से वाहन बंद हो रहे

● बैटरी पूरी चार्ज दिखना लेकिन 50 फीसदी दूरी भी तय न करना

● बैटरी ओवरचार्जिंग की समस्या

● बैटरी के गरम होने की शिकायत

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