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पायलट बाबा के इलाज में लापरवाही की जांच को एसआईटी गठित की

हरिद्वार. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने पायलट बाबा आश्रम के साधु संतों पर लगे आरोपी की जांच को एसआईटी का गठन किया है. टीम करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और पायलट बाबा के इलाज में लापरवाही की जांच करेगी. इस मामले में पायलट बाबा के शिष्य ने आरोप लगाए थे.

एसएसपी को ब्रह्मानंद गिरी शिष्य सोमनाथ गिरी पायलट बाबा निवासी पायलट बाबा आश्रम जगजीतपुर ने प्रार्थना पत्र देकर पायलट बाबा आश्रम के अन्य साधु संतों पर बाबा से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी,उनके उपचार में लापरवाही बतरने और आश्रम की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. एसएसपी ने आश्रम के संतों पर लगे गंभीर आरोपों को देखते एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है. टीम में सीओ सिटी जूही मनराल, कनखल थाना प्रभारी मनोज नौटियाल, उप निरीक्षक अमित नौटियाल, सीआईयू के उप निरीक्षक पवन डिमरी, हेड कांस्टेबल जसवीर, कांस्टेबल वसीम शामिल हैं. टीम पायलट बाबा आश्रम में रहने वाले साधु संतों पर लगे आरोपों की जांच करेगी. जूना अखाड़े के प्रमुख संतों के अगुवाई में जापान की रहने वाली उनकी शिष्य को प्रमुख उत्तराधिकारी बनाया गया. कुछ समय पहले जगजीतपुर आश्रम में मारपीट का मामला भी आया था. इसमें एक संत ने कनखल थाना में तहरीर देकर मारपीट करने वाले संत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था.

देशभर में करोड़ों की संपत्ति है पायलट बाबा की

पायलट बाबा का उपचार के दौरान मुंबई में देहांत हो गया था. पार्थिव शरीर को हरिद्वार लाकर समाधि दी गई थी. पायलट बाबा की देश के अलग-अलग शहरों में करोड़ों रुपये की संपत्ति है. पायलट बाबा के देश-विदेश में लाखों भक्त हैं. जूना अखाड़े केमहामंडलेश्वर रहे पायलट बाबा की संपत्ति पर उत्तराधिकारी को लेकर विवाद हो गया था.

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