Gold Price Review: इस साल नवंबर तक सोने ने वैश्विक स्तर पर 28 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. यह पिछले 10 साल से ज्यादा का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट से मिली है. वहीं, घरेलू स्तर पर भी सोने ने निवेशकों को मालामाल किया है और नवंबर में सुस्त प्रदर्शन के बावजूद इस साल अब तक 30 फीसदी तक का मुनाफा दिया है. धनतेरस के आसपास मुनाफे का यह आंकड़ा 32 फीसदी के करीब था.
साढ़े चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ा : पिछले साढ़े चार दशक यानी 45 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोने और चांदी ने साल 2024 में सबसे ज्यादा बढ़त का रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले साल 2007 में सोना करीब 31 चढ़ा था. वहीं, सबसे तेज 133 फीसदी की वृद्धि वर्ष 1979 में दर्ज की गई थी.
आंकड़ों के अनुसार, इस साल सोने और चांदी ने कई अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. इनकी तुलना में, सरकारी बॉन्ड ने केवल 0.49 प्रतिशत और कॉरपोरेट बॉन्ड ने 0.67 प्रतिशत का बेहद कम रिटर्न दिया है. वहीं, सेंसेक्स (14.05) और एमएससीआई इंडिया (14.10) जैसे इक्विटी निवेश सोने के प्रदर्शन के करीब हैं, लेकिन चांदी का रिटर्न, जो औद्योगिक उपयोग से प्रेरित है, इनसे काफी आगे है.
चांदी ने इस दौरान 36 फीसदी से भी अधिक का मुनाफा दिया है. जानकार मानते हैं कि अमेरिका सहित अन्य बड़े केंद्रीय बैंक यदि आगे भी ब्याज दरों में कटौती जारी रखते हैं तो निवेशकों का रुझान सोने की तरफ और भी तेजी से बढ़ सकता है.
बैंक स्वर्ण भंडार बढ़ा रहे
आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 60 टन सोना खरीदा, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही. भारत ने अक्टूबर महीने में अपने स्वर्ण भंडार में 27 टन सोने की बढ़ोतरी की, जिससे इस साल जनवरी से अक्टूबर तक उसकी कुल खरीद बढ़कर 77 टन हो गई. पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले यह पांच गुना ज्यादा है.
पिछले 11 वर्षों में सोना ढाई गुना से भी ज्यादा महंगा हो चुका है. जनवरी 2014 में जो सोना 29,462 रुपये के भाव चल रहा था, अक्टूबर 2024 में उसकी कीमत 82,000 के करीब पहुंच गई थी. हालांकि नवंबर में इसमें गिरावट दर्ज की गई और यह 77,000 से स्तर तक जा पहुंचा था, लेकिन बाद में इसमें वापसी की. दिसंबर में यह 80,000 रुपये के आसपास बना हुआ है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता सुरेंद्र मेहता का कहना है कि घरेलू स्तर पर सोने के प्रति सकारात्मक रुझान अब भी बना हुआ है. वहीं वैश्विक परिस्थितियों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान सोना 92,000 का स्तर छू सकता है. इस बीच आई गिरावट के दौरान इसमें निवेश करने का अच्छा मौका बनेगा.
2025 में कितनी उम्मीद
एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी और करंट उत्पाद के प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, कई कारकों से नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में तेजी अब थोड़ी धीमी पड़ती नजर आई थी. इन सबके बावजूद सोने के दाम वर्ष 2025 में 15 से 18 तक और बढ़ सकते हैं.
इसलिए बढ़ रहा रुझान
– अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती
– वैश्विक और घरेलू स्तरों पर सोने में जोरदार तेजी
– सोने की घरेलू मांग में उछाल
इस साल सोने का प्रदर्शन
नवंबर -3%