देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. फिर इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है. लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मंगलवार को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में पेश करेंगे.
विधेयक के पेश होने के बाद मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे. मंत्री केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर, पुडुचेरी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के चुनावों को संरेखित करना है.
संयुक्त समिति का गठन विभिन्न दलों के सांसदों की संख्या के मुताबिक आनुपातिक आधार पर किया जाएगा. इस संबंध में एक पदाधिकारी ने सोमवार को कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को समिति की अध्यक्षता मिलेगी और इसके कई सदस्य इसमें शामिल होंगे.
उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति के सदस्य रहे गृह मंत्री अमित शाह विधेयक पेश किए जाने के दौरान निचले सदन में उपस्थित रह सकते हैं. इस उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर यह विधेयक लाया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी. संसद का वर्तमान शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा.
सियासी हलचल
इंडिया गठबंधन सहित कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि विधेयक पेश करने के बाद सरकार लोकसभा अध्यक्ष से संसद की संयुक्त संसदीय समिति को इसे भेजने का आग्रह कर सकती है, ताकि इस पर विस्तार से चर्चा हो सके.
संयुक्त संसदीय समिति का गठन सदन में संख्याबल के आधार पर किया जाता है, ऐसे में इसकी अध्यक्षता भाजपा के पास रहेगी. यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है, तो पूरे लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने का रास्ता साफ हो जाएगा.