मोदी सरकार ने गुरुवार को केंद्र के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से देशभर में लाखों-करोड़ों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हो सकता है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘’1947 से अब तक सात वेतन आयोग लागू हो चुके हैं. पीएम मोदी ने एक रेग्युलर पे कमिशन बनाने का संकल्प लिया था, जिसके हिसाब से 2016 में सातवां वेतन आयोग शुरू हुआ था, जोकि 2026 तक चलना था, लेकिन उससे एक साल पहले ही सरकार ने इसे मंजूर कर दिया गया है.”
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू
देश में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) 1 जनवरी, 2016 से लागू हुआ था. इससे लगभग 1 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा था. चूंकि हर 10 साल में वेतन आयोग लागू किया जाता है ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर देगी. इससे न्यूनतम वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है.
कब हुआ पिछले आयोग का गठन?
सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 28 फरवरी 2014 को किया गया था. सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें उसके करीब डेढ़ साल बाद नवंबर 2015 में केंद्र सरकार को सौंप दी थी. उसके बाद 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो गईं, जो अभी तक लागू हैं