राष्ट्रीयराजनीति

कौन होगा PM नरेंद्र मोदी का उत्तराधिकारी? रेस में कई नाम, जानिए कौन है RSS की पहली पसंद

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरएसएस मुख्यालय जाने के बाद उनके रिटायरमेंट की अटकलें लगाई जा रही हैं. आरएसएस सूत्रों का कहना है कि इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है. पीएम मोदी अपना तीसरा कार्यकाल भी पूरा करेंगे. अगर उनका स्वास्थ्य सही रहा तो वह आगे भी राजनीति में नेतृत्व करेंगे. मगर पीएम मोदी के बाद कौन? इसकी भी तलाश जारी है. सेकेंड लाइन रेस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नामों पर चर्चा होती है. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी 26 मई, 2014 को संभाली थी. वह इससे पहले जुलाई 2013 में संघ मुख्यालय गए थे.

मोदी में दौरे में क्या चर्चा हुई?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय से निकटता रखने वाले सूत्रों का दावा है कि पीएम मोदी के दौरे में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. पीएम मोदी का यह दौरा पूरी तरह से शिष्टावार भेंट का हिस्सा थी. पीएम मोदी ने संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार को जहां पुष्पांजलि अर्पित की तो वहीं वह स्मृति मंदिर में स्थित संघ के दूसरे प्रमुख गुरुजी की समाधि पर भी वे गए और उन्हें नमन किया. पीएम मोदी ने संघ की सेवा, प्रेरण और व्यापक होने का जिक्र भी किया. सूत्र कहते हैं कि लंबे समय से तमाम नकारात्मक बातें चल रही थीं. इस दौरे में पीएम मोदी और संघ नेतृत्व के साथ दिखे तालमेल ने आलोचना करने वालों को जवाब दे दिया है. यह पूछे जाने पर कि पीएम मोदी का उत्तराधिकारी कौन होगा? तो इसके जवाब में संघ के सूत्रों ने कहा कि जो भी होगा. वह संघ की पृष्ठभूमि वाला ही होगा.

किस पर है संघ की नजर?

सूत्रों का कहना है कि पीएएम मोदी के उत्तराधिकारी के तौर यूपी के योगी का नाम चर्चा में जरूर है, लेकिन वह संघ से नहीं हैं. संघ के सामने अभी मोदी के उत्तराधिकारी से पहले बीजेपी अध्यक्ष का सवाल हो सकता है. मोदी के नेतृत्व और अगले चुनावों में अभी चार साल का वक्त है. ऐसे में यह कहना कि संघ मोदी का विकल्प खोज रहा है? यह कहना उचित नहीं होगा. सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह संसद में कह चुके हैं कि पीएम मोदी अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. संघ अगर पीएम मोदी के उत्तराधिकारी को चुनेगा तो इसमें पहली उसकी पहली पसंद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं. प्रचंड जीत के बाद दूसरी बार सीएम बने फडणवीस संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं. वह खुद को राम सेवक और कार सेवक लिखते हैं. उनकी संघ से नजदीकी जगजाहिर है.

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