जेठ मास में निर्जला एकादशी व्रत, गंगा दशहरा, वट सावित्री व्रत सहित पड़ेंगे कई व्रत-त्योहार, देखें तिथियां

जेठ माह में कई व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं. सनातन धर्म में जेठ का महीना पुण्यकारी माना गया है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, जेठ माह 13 मई को शुरू हो चुका है, जो 11 जून तक रहेगा. मान्यता है कि इस माह व्यक्ति को अपनी हैसियत के अनुसार, दान करना चाहिए. वैसे यह गर्मी का महीना होता है. इसलिए हर इंसान को गरीबों के बीच छाता, चप्पल, अन्न आदि का दान करना चाहिए. इससे व्यक्ति के ग्रह-गोचर पर सीधे रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस माह में छाता और चप्पल तथा अन्न दान करने से ग्रह भी शांत हो सकते हैं.
जेठ मास में पड़ेंगे कई व्रत-त्योहार, देखें तिथियां
पवित्र माह जेठ में इस साल व्रत-त्योहार की शुरुआत 23 मई से हो रही है. दिन शुक्रवार पड़ रहा है. इस दिन हमसब अपरा एकादशी करेंगे. यह व्रत सर्वार्थ सिद्ध और अमृत सिद्धि योग में श्रद्धालु मनाएंगे. 24 मई को अपरा एकादशी का पारण रेवती नक्षत्र में होगा.
26 मई को वट सावित्री व्रत
इस साल जेठ माह में पड़ने वाला वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा. पति की लंबी आयु्, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए सुहागिन यह व्रत करतीं हैं. इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है. सोमवार को अमावस्या होने से व्रती महिलाओं को सोमवती अमावस्या का पुण्य भी प्राप्त होगा. इस दिन सुहागिनें पीपल व बरगद वृक्ष की पूजा कर धागा बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. महामंडलेश्वर सुखदेवदासजी महाराज बताते हैं कि इस व्रत के करने से सुहागिनों के पतियों के अशुभ और हानिकारण ग्रह शांत होते हैं. इसलिए हर पतिव्रता महिलाओं को यह व्रत अनिवार्य रूप से करना चाहिए.
5 जून को गंगा दशहरा
सनातन धर्म में गंगा दशहरा का खास महत्व है. इसकी एक अलग ही महत्ता है. इस दिन गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु जरूरतमंदों को सत्तू, पंखा, गुड़ आदि दान कर सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि की कामना करते है. पांच जून गुरुवार को श्रद्धालु उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और सिद्धि के साथ-साथ सिद्ध और रवियोग में गंगा दशहरा मनाएंगे.
6 जून को निर्जला एकादशी
सनातन धर्म में निर्जला एकादशी अपने आप में बड़ा महत्व रखता है. छह जून को इस वर्ष निर्जला एकादशी पड़ रहा है. इस व्रत में श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और इस दिन अनाज के साथ-साथ जल का भी त्याग करते हैं. भीषण गर्मी और उमस में पानी त्याग कर श्रद्धालु भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम और विष्णु मंत्र का जाप करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ माह में 11 जून को स्नान दान की पूर्णिमा के साथ यह माह समाप्त होगी.