छत्तीसगढ़ की ‘नियद नेल्ला नार योजना’ ने बदला नक्सलियों का मन, 24 ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं. बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के सामने कुल 87 लाख 50 हजार रुपये के इनामी 24 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है. इनमें से 20 नक्सलियों पर 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख तक के इनाम घोषित हैं.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है. यह आत्मसमर्पण उसी निर्णायक यात्रा की एक कड़ी है.
सरकार नक्सलियों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध- विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “अब नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता अंतहीन विनाश की ओर ले जाता है. अब नक्सली उग्रवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. हम इन आत्मसमर्पित साथियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं.”
एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सलियों हौसले पस्त
दरअसल, छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में नक्सली मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं. इससे नक्सलियों के हौसले लगातार पस्त हो रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार की नक्सलवाद छोड़ रहे लोगों को लेकर जो पुनर्वास योजना है, उसका प्रभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है.
मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ जिसके चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण नक्सलवाद को छोड़ समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं. यही वजह है की सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म करने में कामयाबी भी मिलेगी. बस्तर और सुकमा जैसे हार्डकोर नक्सली इलाके विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे.