Purnima June: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, जानें इस दिन क्या दान करें?

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु व भगवान शंकर की पूजा का विधान है। जानें ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है और स्नान-दान का मुहूर्त व दान लिस्ट।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 कब है: पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 10 जून 2025 को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी और 11 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून 2025 को मनाई जाएगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान मुहू्र्त: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04:02 से सुबह 04:42 तक रहेगा। स्नान-दान का दूसरा मुहूर्त सुबह 10:35 बजे से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत व दान करने सेअक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
स्नान-दान के शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
लाभ – उन्नति: 05:23 ए एम से 07:07 ए एम
अमृत – सर्वोत्तम: 07:07 ए एम से 08:52 ए एम
शुभ – उत्तम: 10:36 ए एम से 12:21 पी एम
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्या दान करें: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जल, पंखा और शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करना शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन खीरा, ककड़ी, तरबूज, सत्तू, सूती वस्त्र, अन्न व धन का दान अत्यंत शुभ माना गया है।
कल ज्येष्ठ का आखिरी बड़ा मंगल
10 जून को ज्येष्ठ मास का आखिरी बड़ा मंगल है। इस दिन बजरंगबली की स्तुति करने से बजरंग बली का आशीर्वाद मिलता है। मंगलवार भोर में बजरंगबली मंदिरों में मंगला आरती के बाद भक्तों का तांता लगा रहता है। हनुमान बाबा को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण पाठ, हनुमान चालीसा, तुलसीदास कृत रामचरित मानस के सुंदर कांड का पाठ किया जाता है। ज्येष्ठ माह के आखिरी बड़े मंगल को बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है। इस दिन पहले कराते हैं हनुमान बाबा का श्रृंगार किया जाता है। घृत मिश्रित सिंदूर से बजरंगबली का श्रंगार करते हैं। पान का बीड़ा, लड्डू का भोग हनुमान जी को अर्पित किए जाते हैं।
क्या उपाय करने से प्रसन्न होंगे बजरंग बली
हनुमान मंदिर में आखिरी बड़े मंगल पर हनुमान जी को नारियल अर्पित करना चाहिए। अगर आप किसी मनोकामना पूर्ति चाहते हैं, तो आपको लाल रंग का झंडा (ध्वज) मंदिर में चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। बड़ा मंगल के शुभ अवसर पर भंडारे या प्रसाद वितरण करना चाहिए। ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और मनवांधित आशीर्वाद देते हैं।
ज्येष्ठ मंगल को क्यों कहते हैं बड़ा मंगल
जेठ के हर मंगलवार को रघुकुलनंदन के आशीर्वाद से बजरंगबली के भक्त जेठ माह के हर मंगलवार को तो विशेष महत्व देते ही है। जेठ के पहले मंगलवार को तभी से बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से प्रसिद्ध है। रघुकुलनंदन की बजरंगबली से पहली मुलाकात ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को हुई थी। बजरंगबली उनसे ब्राह्मण भेष में मिले थे। मां जानकी के लंकेश रावण की ओर से हरण के बाद तलाश में जंगल जंगल भटक रहे ।