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Chhattisgarh Tourism: खूबसूरत झरनों और हरियाली से सजे हैं छत्तीसगढ़ के ये टूरिस्ट प्लेस, देखें तस्वीरें

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में मशहूर है. यहां के खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़ और घाटियां अनायास ही लोगों को अपनी ओर खींच लाती हैं. राज्य से उत्तरी छोर सरगुजा से दक्षिण बस्तर तक हरियाली युक्त पहाड़ों की श्रृंखला के साथ-साथ मनोरम घाटियों का दृश्य और आदिवासियों की अनोखी संस्कृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. चूंकि ठंड की शुरुआत हो चुकी है और नया साल भी नजदीक आ रहा है.

ऐसे में पिकनिक स्पॉट, हिल स्टेशनों में धीरे-धीरे पर्यटकों का सैर-सपाटे के लिए पहुंचना शुरू हो चुका है. सरगुजा के मैनपाट और बस्तर के चित्रकोट की खूबसूरती इन दिनों देखते ही बन रही है. ज्यादातर लोग छत्तीसगढ़ के इन दो जगहों पर ही छुट्टियां बिताना पसंद करते हैं, लेकिन इस खूबसूरत छत्तीसगढ़ में ऐसे कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं. जहां आप प्राकृतिक नजारों के बीच अपने परिवार, दोस्तों के साथ अच्छा टाइम स्पेंड कर सकते हैं

सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 50 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर मैनपाट बसा हुआ है. यहां सालभर ठंड रहती है. इसकी वजह से मैनपाट छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से मशहूर है. मैनपाट में कुछ ऐसे अजूबे हैं जिसकी वजह से देशभर में इसकी अलग पहचान है. साथ ही छत्तीसगढ़ के पर्यटकों के लिए यह पहली पसंद है. मैनपाट में बिसरपानी नाम की एक जगह है जहां गुरुत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करता है. यहां खेत से बहती जलधारा नीचे से ऊपर की ओर बहती है. इसके अलावा इस जगह पर बाइक या कार को न्यूटल कर दिया जाए तो वह अपने आप चलने लगती है. शोधकर्ता बताते हैं इस जगह पर गुरुत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करता है. यह जगह उल्टा पानी के नाम से मशहूर है.

मैनपाट में ही उल्टा पानी के अलावा जलजली प्वाइंट है. इस जगह की खासियत यह है कि यहां खेत के एक हिस्से पर उछल कूद करने से वहां की जमीन रबर की तरह उछलने लगती है. मैनपाट घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह काफी पसंदीदा जगह है. शोधकर्ता बताते हैं कि जलजली प्वाइंट में जहां जमीन हिलती है उसके नीचे कभी ज्वालामुखी हुआ करता था. हालांकि, अब वहां घूमने फिरने में कोई प्रतिबंध नहीं है. इसके अलावा टाइगर प्वाइंट का खूबसूरत झरना है. जहां लगभग 50 फीट की ऊंचाई से जलधारा बहते हुए घने जंगल की ओर बहती चली जाती है. यहां पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया गया है. इसके साथ ही मैनपाट वनक्षेत्र अंतर्गत आता है. इसलिए हर वक्त सुरक्षा की दृष्टि से विभाग के जवान तैनात रहते हैं.

बस्तर के खूबसूरत पहाड़ियों के बीच चित्रकोट जलप्रपात है. यह जिला मुख्यालय जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस झरने की प्रसिद्धि देश-विदेश तक है. इस वॉटरफाल को देखने के लिए हर साल देश-विदेश से हजारों लोग पहुंचते हैं. पर्यटन विभाग के नक्शे में यह छत्तीसगढ़ के टॉप 10 प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस में शामिल है. इस वॉटरफाल की खासियत यह है कि, यह 90 फीट की ऊंचाई पर और 300 मीटर चौड़ा है. इसे भारत का सबसे ज्यादा चौड़ाई वाला वॉटरफाल माना जाता है. चित्रकोट जलप्रपात की बनावट घोड़े की नाल के समान होने के कारण इस वाटरफाल की तुलना अमेरिका के नाइग्रा फॉल के साथ की जाती है.

बस्तर की पहचान बन चुका चित्राकोट वॉटरफाल इतना खूबसूरत दिखता है कि उसे देखते रहें, लेकिन मन नहीं भरता है. यह वॉटरफाल मोस्ट एडवेंचर पिकनिक स्पॉट मे से एक है. इसलिए यहां हमेशा भीड़ देखने को मिलती है. इसके अलावा आप यहां मोटरबाइक, पैराग्लाइडिंग, नेचर ट्रेल ट्रैकिंग और कैपिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज का लुफ्त उठा सकते है. इसके साथ वॉटरफाल के पास ही बेहतरीन वुडेन रिजॉर्ट है जिसमें रहकर यहां की खूबसूरती का आनंद लिया जा सकता है. यहां घूमने का सही समय जुलाई से लेकर फरवरी तक होता है. तब यह वाटरफॉल काफी मनमोहक हो जाता है.

मडकू द्वीप (Madku Dweep)

मडकू द्वीप छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नदी शिवनाथ के पास स्थित एक खूबसूरत द्वीप है. यह द्वीप एक मेंढक के आकार का है, इसलिए इसे मडकू कहा जाता है. इस द्वीप की सुंदरता मंत्रमुग्ध करने वाली है. सुरम्य मडकू द्वीप का क्षेत्रफल लगभग 24 हेक्टेयर है और यह हरियाली से भरपूर है. यह द्वीप अपने प्राचीन मंदिरों और उनके ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है. पुरातत्वविदों ने इस द्वीप पर प्रागैतिहासिक पत्थर के औजार, पुरालेख और सिक्कों की खोज की है. मडकू द्वीप को केदार तीर्थ और हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप के नाम से जाना जाता है.

सिरपुर (Sirpur)

सिरपुर महानदी नदी के तट पर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक छोटा सा गांव है. यह महासमुंद जिले से 35 किमी और राजधानी रायपुर से लगभग 78 किमी दूर है. सिरपुर गांव एक पुरातात्विक आश्चर्य है. कई वास्तुकारों के लिए प्रेरणा यह गांव अपनी मंदिर संस्कृति में समृद्ध है. इसका बौद्ध धर्म की दुनिया से गहरा संबंध है. ऐसे कई मंदिर हैं जहां कोई भी जा सकता है. ऐतिहासिक कलाकृतियों और मंदिरों की दीवारों पर गहरी नक्काशी ने दुनिया भर के कई वास्तुकारों को यहां आने के लिए प्रेरित किया है. सिरपुर अजूबों से भरा एक शांतिपूर्ण गांव है.

छत्तीसगढ़ में एकमात्र टाइगर रिजर्व इंद्रावती नेशनल पार्क घूमने के लिहाज से शानदार है. आपको यहां कई वन्य जीव देखने को मिल जाएंगे. यहां बड़ी संख्या में लोग वाइल्ड एनिमल देखने के लिए आते हैं. घने वनस्पतियों वाला यह पार्क बेहद खूबसूरत है. यहां आप नीलगाय, ब्लैक बक, सांभर, गौर, बाघ, तेंदुआ, चीतल, सुस्त भालू और अनगिनत अन्य प्रजातियों के साथ पार्क में दुर्लभ और लुप्तप्राय जंगली एशियाई भैंस मिल सकती है.

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के महानदी पर गंगरेल डैम बना हुआ है. इसे छत्तीसगढ़ के टॉप टूरिस्ट प्लेस के रूप में देखा जाता है. गंगरेल डैम को रविशंकर सागर बांध के नाम से भी जाना जाता है. इस डैम का निर्माण 1978 में किया गया था. महानदी पर बना यह डैम अपने अंदर अथाह जल राशि समाने के साथ छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा डैम है. इसे देखने के लिए विदेश से भी पर्यटक दस्तक देते हैं. यह डैम इतना विशाल है कि इसे देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे समुद्र अलग-अलग दीपों से घिरा हुआ है. डैम के पास जाने के बाद जहां तक नजर दौड़ाएं वहां तक पानी ही पानी नजर आता है. ऐसा लगता है असली समुद्र है.

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