SVB कांड से प्रभावित स्टार्टअप पर सरकार की नजर, आईटी मंत्री फंड ले चुके प्रतिनिधियों से करेंगे मुलाकात
स्टार्टअप इकोसिस्टम को सबसे ज्यादा वित्तीय सुविधा देने वाले अमेरिकी बैंक सिलीकॉन वैली बैंक (SVB) के ध्वस्त होने का असर भारत के दर्जनों स्टार्टअप कंपनियों पर पड़ने की आशंका है। कुछ अमेरिकी एजेंसियों और भारत के शीर्ष वेंचर कैपिटल कंपनियों की तरफ से चिंता जताने के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है और पूरे प्रकरण की समीक्षा शुरु कर दी है।
फंड ले चुके स्टार्टअप के प्रतिनिधियों से मिलेंगे चंद्रशेखर
केंद्र सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर एसवीबी के डूबने से प्रभावित होने वाले भारतीय स्टार्टअप के प्रतिनिधियों से अगले हफ्ते मुलाकात करने जा रहे हैं। बैठक यह जानने के लिए होगी कि मौजूदा हालात में सरकार किस तरह से मदद कर सकती है।
SVB का बंद होना चिंता का विषय
चंद्रशेखर ने दैनिक जागरण को बताया कि, ”एसवीबी का बंद होना निश्चित तौर पर पूरी दुनिया के स्टार्टअप सिस्टम के लिए एक चिंता का कारण है। न्यू इंडिया की इकोनोमी में स्टार्टअप की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। मैं संभवत: अगले मंगलवार को इन स्टार्टअप के साथ एक बैठक करूंगा, ताकि यह समझ सकूं कि पूरी स्थिति क्या है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किस तरह से उनकी मदद क सकती है।”
अपने सोशल मीडिया हैंडल पर चंद्रशेखर ने अमेरिका में एक बड़े वित्तीय संस्थान के बंद होने और भारत की मजूबत वित्तीय व्यवस्था के बीच तुलना भी की है और कहा है कि, ”भारत के पास एक स्थिर और मजबूत वित्तीय सेक्टर है जिसे पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार के दौरान हुए नुकसान के बाद नये सिरे से निर्मित किया है।” पहली बार एसवीबी के दिवालिया होने पर भारत सरकार के किसी मंत्री ने कोई प्रतिक्रिया दी है।
सूत्रों ने बताया है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसवीबी ने कितने भारतीय स्टार्टअप में निवेश किया हुआ था और इन स्टार्टअप की मौजूदा स्थिति क्या है। इस बारे में इनके साथ विमर्श के बाद ही स्थिति साफ होगी। केंद्र सरकार की पहली कोशिश वास्तविक स्थिति को समझने की होगी और यह जानने की होगी कि मौजूदा हालात में केंद्र की तरफ से किस तरह की मदद की जा सकती है।
SVB से 21 भारतीय स्टार्टअप को मिली है वित्तीय मदद
आधिकारिक तौर पर अभी कोई डाटा तो नहीं आया है, लेकिन मार्केटिंग इंटेलिजेंस प्लेटफार्म ट्रैक्सन के ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि एसवीबी से 21 भारतीय स्टार्टअप को वित्तीय मदद मिली हुई है। भारत के अलावा दूसरे देशों के भी सैकड़ों स्टार्टअप को एसवीबी ने वित्तीय मदद दी हुई है।
भारत सरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम को दे रही बढ़ावा
सनद रहे कि भारत सरकार देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रही है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर, 2022 में भारत में 80,152 स्टार्टअप थे। इस हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बना चुका है।
115 हो चुकी है यूनीकार्न की संख्या
फरवरी, 2022 में ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की रिपोर्ट बताती है कि यूनीकार्न की संख्या 115 हो चुकी है। वर्ष 2022 में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने 25 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी, जो वर्ष 2020 के मुकाबले ढ़ाई गुणा ज्यादा था। एसवीबी के हश्र के बाद पूंजी जुटाने की समस्या के और गंभीर होने की संभावना जताई जा रही है।