छत्तीसगढ़

बोरे बासी दिवस 1 मई को: कैसे बनाते है बोरे बासी ?

बोरे बासी  यूं तो छत्तीसगढ़ में सैकड़ों परमपरिक व्यंजन हैं, जो लोग को सालों से खाते आ रहे हैं, लेकिन शरीर को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने वाला भोजन है “बोरे बासी”. बोरे बासी गर्मी के दिनों में छत्तीसगढ़ के घरों घर बनाया और खाया जाता है, पर इस बोरे बासी को और अधिक लोकप्रियता पिछले साल से मिली है जब मजदूर दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने 1मई को बोरे बासी डे मनाने की घोषणा की. आज इस दिवस को पूरे एक साल हो गए हैं . इसी मौके पर आज हम आपको बोरे-बासी खाने के फायदे और इससे जुड़ी और भी रोचक बातें बताएंगे.

छत्तीसगढ़ में मेहनतकश लोगों का मुख्य आहार बोरे-बासी है. हालांकि बोरे-बासी का सेवन समाज के हर तबके के लोग करते हैं. रात के बचे भात को पानी में डूबाकर रख देना और उसे नाश्ता के तौर पर या दोपहर के खाने के समय इसका सेवन किया जाता है. इसलिए इसे सुलभ व्यंजन भी माना गया है. विशेषकर गर्मी के मौसम में बोरे और बासी को बहुतायत लोग खाना पसंद करते हैं. बोरे-बासी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह सेहत और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है. छत्तीसगढ़ियों के जीवन में ‘बोरे-बासी’ इतना घुला-मिला है कि जब सुबह कहीं जाने की बात होती है तो बासी खाकर निकलने का जवाब मिलता है, इससे संकेत मिलता है कि व्यक्ति सुबह 8 बजे के बाद घर से निकलेगा. ‘बासी खाय के बेरा’, से पता चल जाता है कि यह लंच का समय है.

बोरे और बासी में ये है अंतर और ये है बनाने की विधि

बोरे और बासी बनाने की विधि बहुत ही सरल है. बोरे और बासी बनाने के लिए पका हुआ चावल (भात) और सादे पानी की जरूरत है. बोरे और बासी दोनों की प्रकृति में अंतर है. बोरे से अर्थ, जहां तत्काल बने हुए भात (चावल) से है जिसे पानी में डूबाकर खाया जाता है. वहीं बासी एक पूरी रात या दिनभर भात (चावल) को पानी में डूबाकर रखा जाता है. फिर अगले दिन इसे खाया जाता है. कई लोग भात के पसिया (माड़) को भी भात और पानी के साथ मिलाते खाते हैं. यह पौष्टिक के साथ स्वादिष्ट भी होता है.

प्याज, अचार और भाजी बढ़ा देते हैं स्वाद

बोरे या बासी के साथ प्याज, आम के अचार, भाजी जैसी चीजें बोरे और बासी के स्वाद को बढ़ा देते हैं. छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में भाजी की बहुतायत होती है, इन भाजियों के साथ बासी का स्वाद दुगुना हो जाता है. बोरे में दही मिलाकर भी खाया जाता है. गांव-देहातों में मसूर की सब्जी के साथ बासी का सेवन किया जाता है. कुछ लोग बोरे-बासी के साथ में बड़ी-बिजौरी भी स्वाद के लिए खाते हैं.

बोरे-बासी खाने से लाभ

1-बोरे-बासी में पानी की भरपूर मात्रा होती है, जिसके कारण गर्मी के दिनों में शरीर को शीतलता मिलती है. साथ ही इसे खाने से लू भी नहीं लगती है.

2- ये उच्च रक्तचाप नियंत्रित करता है पाचन क्रिया में मदद मिलती है. गैस या कब्ज की समस्या वाले लोगों के लिए यह फायदेमंद है.

3-बासी का सेवन किया जाए तो पथरी की समस्या होने से भी बचा जा सकता है. चेहरे में ताजगी, शरीर में स्फूर्ति रहती है. बासी के साथ माड़ और पानी से मांसपेशियों को पोषण भी मिलता है.

4- बासी खाने से मोटापे की समस्या दूर होती है. बासी का सेवन अनिद्रा की बीमारी से भी बचाता है. बासी का पोषक मूल्य बासी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन B-12, खनिज लवण और जल की बहुतायत होती है.

5-ताजे बने चावल (भात) की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरी ज्यादा होती है. बासी के साथ हमेशा भाजी खाया जाता है. पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते हैं.

6- इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है. दही या मही में भारी मात्रा में कैल्शियम रहता है.

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