धर्म एवं साहित्य

इस बड़े ग्रह का ‘महागोचर’ इन लोगों पर खुलकर बरसाएगा पैसा, हाथ लगेगा कुबेर का खजाना

Vipreet Rajyog Benefits: सभी ग्रहों में गुरु को शुभ ग्रहों में से एक माना गया है. बता दें कि गुरु बृहस्पति देव 22 अप्रैल को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं. 12 साल बाद गुरु ने मेष राशि में प्रवेश किया है. ज्योतिष अनुसार गुरु के मेष में विराजमान होने से विपरीत राजयोग का निर्माण हुआ है. ये योग दो राशियों के जातकों के लिए बेहद शुभ फलदायी हैं. इतना ही नहीं, विपरीत राजयोग का निर्माण होने से धन लाभ के साथ विवाह के योग भी बन रहे हैं. आइए जानें इन 2 राशियों के बारे में.     

जानें कब बनता है विपरीत योग?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवगुरु बृहस्पति मेष राशि के नौंवे और बाहरवें भाव के स्वामी माने जाते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने भाग्य भाव में प्रवेश किया है.  बता दें कि किसी भी राशि में विपरीत योग का निर्माण तब होता है, जब छठें, आठवें और 12वें घर के स्वामी अन्य ग्रहों के साथ युति संबंध में आते हैं.  जानें इस दौरान किन राशियों की किस्मत का ताला खुला है. 

मिथुन राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु के गोचर से बना विपरीत राजयोग मिथुन राशि वालों के लिए लाभकारी रहने वाला है. इस राशि के लग्न भाव में बृहस्पति देव विराजमान हैं. बता दें कि ये योग मिथुन राशि वालों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आने वाला है. इस दौरान आपके लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होने वाले हैं. कार्यस्थल पर आपके काम की तारीफ की जाएगी. आपको इस समय पदोन्नति और इंक्रीमेंट मिलने की संभावना है. व्यापार में निवेश आपको खूब फायदा देगा. संतान पक्ष की ओर से आपको कुछ शुभ समाचार मिल सकता है. विवाह के योग बनते नजर आ रहे हैं. शिक्षा में सफलता की प्राप्ति होगी.  

कर्क राशि

बता दें कि गुरु कर्क राशि में नवम भाव और छठे भाव के स्वामी माने जाते हैं. वहीं, बृहस्पति ने इस राशि के दशम भाव में गोचर कर लिया है. ऐसी में इस राशि के जातकों के लिए बन रहा विपरीत योग नौकरी के कई रास्ते खोलेगा. इस अवधि में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सफलता हासिल हो सकती है. लंबे समय से रुका हुआ इंक्रीमेंट हो सकता है. वहीं, व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आएंगी. इसके अलावा व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.

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