नई दिल्ली, केंद्र सरकार भंडारण में रखे प्याजों की बर्बादी को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद लेगी. इसके लिए एआई आधारित गोदाम स्थापित किए जाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, हर साल लगभग 11,000 करोड़ रुपये का प्याज बर्बाद हो जाता है.
एक अधिकारी के अनुसार, एआई-आधारित गोदामों के साथ, सरकार का लक्ष्य कुल बर्बादी का लगभग पांच फीसदी बचाना है. सरकार की योजना गोदामों में रखे प्याज पर रियल टाइम डाटा के लिए एआई-आधारित सेंसर स्थापित करने की है.
ऐसे पता चलेगा सड़ रहा है प्याज
अधिकारियों के मुताबिक एआई आधारित सेंसर की मदद से प्याज सूखने और सड़ने के डाटा प्राप्त होंगे. इससे किसान आसानी ने प्याज सड़ने के बारे में पता चल जाएगा. इससे सुरक्षित भंडारण का पता चल जाएगा. डाटा आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के जरिए प्राप्त किया जाएगा. खरीफ या गर्मियों में बोया जाने वाला लाल प्याज सबसे अधिक खराब होता है.
विकिरणित द्वारा भी प्याज का भंडारण
भंडारण हानि को कम करने के उद्देश्य से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के सहयोग से पायलट आधार पर प्याज का विकिरण भी शुरू किया गया था. करीब 1,000 मीट्रिक टन विकिरणित किया गया था और नियंत्रित वातावरण भंडारण में संग्रहीत किया गया था. सरकार पायलट आधार पर भंडारण में भेजने से पहले प्याज को गामा किरणों से विकिरणित करने की योजना बना रही थी, जिससे फसल के बाद के नुकसान को 25 फीसदी से घटाकर 10-12 फीसदी करने की उम्मीद की जा रही थी.