रायपुर: तालाबों और जलस्रोतों से अतिक्रमण हटाने के लिए निकायों ने क्या किया
रायपुर: प्रदेश के तालाबों, नदियों और अन्य जलस्रोतों के पास अवैध अतिक्रमण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल राज्य शासन से रिपोर्ट तलब की है. एनजीटी ने राज्य शासन से निकायों में तालाबों, नदियों और अन्य जल स्रोतों के किनारे स्थित अतिक्रमणों को लेकर क्या कार्रवाई हुई है, यदि नहीं हुई है तो कब तक कार्रवाई होगी. वर्तमान में कितने तालाबों में अतिक्रमण हैं. निकाय स्तर पर अतिक्रमण हटाने के लिए क्या प्लानिंग हैं. इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट देने को कहा गया है.
ये जानकारी मांगी
एनजीटी के पत्र के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों को एक फार्मेट भेजकर तालाबों, नदियों और अन्य जल स्रोतों से अतिक्रमण संबंधी जानकारी मांगी है. जिसमें कहा गया है कि यदि अतिक्रमण हटाया गया है, तो कब कार्रवाई की गई है. यदि नहीं हटाई गई है, कब तक हटाने का प्लान है. वर्तमान में कितने तालाब, नदी और जल स्रोत अतिक्रमण मुक्त है. बता दें कि एक माह बाद प्रदेश में मानसून आ जाएगा.
इसलिए बरसात से पूर्व ही जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई चलाने का प्लान शासन का है. ताकि वर्षा जल के संचयन में किसी प्रकार की परेशानी न हो. साथ ही आसपास के रहवासियों को भी बाढ़ सहित अन्य आपदा का सामना न करना पड़े. तालाब पार, नदी किनारे व अन्य जलस्रोतों के आसपास अतिक्रमण रहने से प्रदूषण भी बहुत फैलता है. जिससे तालाबों, नदियों और जलस्रोतों का पानी प्रदूषित होता है. जिसे दैनिक कार्य के लिए उपयोग भी नहीं कर सकते हैं.
बता दें कि तालाबों, नदियों और अन्य जलस्रोतों के कैचमेंट एरिया में लगातार अतिक्रमण को लेकर एनजीटी पास शिकायतें भी पहुचती रहती है. शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी राज्य शासन से तालाबों, नदियों और अन्य जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण की रिपोर्ट तलब करती है.