रायपुर: हर माह 15300 रुपए स्टायपेंड विदेश से एमबीबीएस कर लौटे छात्रों को भी
रायपुर: विदेश से एमबीबीएस कर लौटे इंटर्नशिप करने वाले एमबीबीएस पास छात्रों को हर माह 15300 रुपए स्टायपेंड दिया जाएगा. पहले यह सुविधा नहीं थी. शासन के आदेश के बाद छात्रों को स्टायपेंड दिया जाने लगा है. एक साल इंटर्नशिप करनी होती है. इस हिसाब से एक छात्र को सालभर में 1.8 लाख रुपए से ज्यादा स्टायपेंड मिलेगा. प्रदेश में विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर हर साल 100 से ज्यादा छात्र लौटते हैं.
पिछले साल फरवरी में रूस व यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के कारण कई छात्रों की एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे छात्र, जिनका एमबीबीएस कोर्स पूरा नहीं हुआ है, वे इंटर्नशिप नहीं कर सकते. इंटर्नशिप करने के लिए वही छात्र पात्र है, जिन्होंने एमबीबीएस का कोर्स पूरा किया हो. एनएमसी के आदेश के बाद प्रदेश में विदेश से एमबीबीएस पढ़े 539 छात्रों को इंटर्नशिप करने की अनुमति होगी. अभी इससे आधे छात्र ही इंटर्नशिप कर रहे हैं. पुराने कॉलेजों में कम व जहां इंटर्नशिप शुरू नहीं हुई है, वहां एमबीबीएस सीटों के बराबर इंटर्नशिप की अनुमति दी गई है.
जूनियर रेसीडेंट की सेवाएं सरकारी कॉलेजों में
कुछ छात्र फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास कर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेसीडेंट के बतौर सेवाएं दे रहे हैं. प्रदेश या दूसरे राज्यों से एमबीबीएस कर लौटे इंटर्नशिप करने वाले छात्रों ने पिछले साल सितंबर में हड़ताल की थी. इसके बाद शासन ने स्टायपेंड 12500 से बढ़ाकर 15300 रुपए कर दिया है. यही नहीं, इंटर्न के स्टायपेंड के अलावा पीजी छात्रों का भी स्टायपेंड बढ़ाया गया है. पहले उन्हें 53 से 57 हजार मिलता था. अब 63 से 75 हजार हर माह स्टायपेंड दिया जा रहा है.
हालांकि यह एम्स की तुलना में कम है, लेकिन दूसरे राज्यों की तरह ही है. इसके बाद भी पीजी स्टूडेंट इससे संतुष्ट नहीं है. जब भी स्टायपेंड बढ़ाने की बात हुई, जूडो ने हड़ताल किया. इसके बाद शासन जागा और स्टायपेंड बढ़ाया.