‘‘ये संभव है.. ‘एक देश, एक चुनाव’ कराने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन हम चाहते हैं कि इस पर आम सहमति बने.’’ -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हिन्दुस्तान’ से साक्षात्कार के दौरान यह बात कही.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर ‘हिन्दुस्तान’ को दिए साक्षात्कार में चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर भी अपने विचार रखे. मौजूदा चुनाव प्रचार के दौरान इस संवाददाता से यह उनकी तीसरी बातचीत थी.
मोदी ने कहा, ‘एक देश, एक चुनाव भाजपा और हमारी सरकार का विचार रहा है. लेकिन हम ये चाहते हैं कि एक आम सहमति बने. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें इस बारे में विस्तार से समझाया गया है. इस पर पूरे देश में चर्चा हो, वाद-संवाद हो, लाभ और हानि पर बात हो, इसमें क्या किया जा सकता है, कैसे किया जा सकता है, इस पर एक आम सहमति बने.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इससे सकारात्मक समाधान पर पहुंच सकते हैं. जो सिस्टम अभी है, उसमें हर वक्त कहीं न कहीं चुनाव होता रहता है. इससे शासन को नुकसान होता है जिसे बदलने की जरूरत तो है ही, लेकिन कैसे करेंगे, इस पर संवाद जरूरी है.
इतिहास में देखें तो जब संसाधन और तकनीक कम थी, तब भी हमारे देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ हो रहे थे. आजादी के बाद शुरुआती कुछ चुनाव इसी तरह हुए. उसके कुछ वर्ष बाद बदलाव हुए. अब भी कुछ राज्यों में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. चुनाव आयोग एक चुनाव कराने के लिए काम कर रहा है.
गर्मियों में चुनाव के दौरान हो रही दिक्कतों पर प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ समस्याएं होती हैं. लेकिन इसमें क्या बदलाव होने चाहिए या नहीं होने चाहिए, यह किसी एक व्यक्ति, एक पार्टी या सिर्फ सरकार का निर्णय नहीं हो सकता. पूरे तंत्र, मतदाताओं, राजनीतिक दलों की सहमति बननी चाहिए.
इस बार चुनाव में कई बदलाव दिखे हैं, इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि आज मतदाता 21वीं सदी की राजनीति देखना चाहते हैं. इसमें परफारर्मेंस, देश को आगे ले जाने वाले विजन, विकसित भारत बनाने वाले रोडमैप की चर्चा होती है. मोदी ने कहा, अब लोग यह जानना चाहते हैं कि राजनीतिक दल हमारे बच्चों के लिए क्या करेंगे? देश का भविष्य बनाने के लिए नेता क्या कदम उठाएंगे. वे दलों का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखते हैं कि किस पार्टी ने क्या वादे किए और कितने पूरे किए. लेकिन ‘इंडी’ गठबंधन के नेता आज भी 20वीं सदी में ही जी रहे हैं. आज लोग पूछ रहे हैं कि आप हमारे बच्चों के लिए क्या करने वाले हैं तो ये अपने पिता, नाना, परदादा, नानी, परनानी की बात करते हैं. लोग पूछते हैं कि देश के विकास का रोडमैप क्या है तो ये परिवार की सीट होने का दावा करते हैं.