रायपुर:अवैध प्लॉटिंग में बिक गए प्लॉट, तब काटे मुरुम के रोड
रायपुर: कलेक्टर और निगम आयुक्त के सती के बाद नगर निगम के जोनों से अवैध प्लाटिंग वाले एरिया में सड़कें खोदकर रोक लगाने के दावे किए जाते हैं, परंतु तहसीलदार और पटवारी से कागज लिए बगैर ही जेसीबी चलाने की खानापूर्ति की जा रही है. निगम के जोन-8 से शुक्रवार को दो से तीन जगह अवैध प्लॉटिंग वाले मुरम के रोड काटे गए. परंतु, नामजद रिपोर्ट किसी एक व्यक्ति पर भी नहीं की गई कि किसने व्यक्ति अवैध प्लॉटिंग किया है या करा रहा है.
जोन-8 की टीम ने कोटो के मारुति लाइफ स्टाइल के पीछे लगभग आधा एकड़, जरवाय में वाटर फैक्ट्री के पास लगभग ढाई एकड़ में की गई अवैध प्लॉटिंग पर अवैध मुरुम रोड काटने का काम किया. जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव के नेतृत्व एवं कार्यपालन अभियंता अभिषेक गुप्ता, सहायक अभियंता ईश्वर लाल टावरे, उप अभियंता अक्षय भारद्वाज, कोटा के पटवारी पाण्डेय भी मौजूद थे. इसके बावजूद नामजद रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई. यह दावा किया गया कि राजस्व रिकॉर्ड मिलने पर अवैध प्लाटिंग करने और कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे.
यह हवाला भी दिया कि शासन के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित अवैध प्लाटिंगकर्ताओं के विरुद्ध संबंधित पुलिस थाना में कड़ी कानूनी कार्रवाई करने नामजद एफआईआर दर्ज कराने का आदेश है, लेकिन इसका पालन ही नहीं किया जा रहा है. नगर निगम क्षेत्र के आउटर वाले वार्डों में अवैध प्लॉटिंग का कारोबार तेजी से बढ़ा है. यह काम करने से पहले जमीन कारोबारी सबसे पहले संबंधित जोन के अधिकारी से मिलते हैं, फिर काम शुरू करते हैं.
हैरानी ये कि ऐसे लोगों को जोन के अधिकारियों से ही पूरी मदद मिलती है, जब अधिकांश प्लॉट बिक जाते हैं और नामांतरण भी ऑनलाइन हो जाता है, तब मुरुम के रोड को काटने की खानापूर्ति करके प्रचार-प्रसार किया जाता है. समय रहते किसी भी जोन में रोक लगाई नहीं जाती. इसी वजह से टाउन कंट्री प्लानिंग और नगर निगम को लाखों रुपए राजस्व की हानि होती है. क्योंकि ऐसे लोग न तो डायवर्सन कराते हैं न ही लेआउट पास.