सीमाओं की सुरक्षा पर बजट में रहेगा फोकस
नई दिल्ली: सीमाओं की सुरक्षा को लेकर आम बजट में आवंटन बढ़ाया जाएगा. खुफिया तंत्र की मजबूती के अलावा नई बटालियन, फ्रटियर और सीमा पर आधारभूत ढांचे को लेकर बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
गृह मंत्रालय को आवंटन में सीमा सुरक्षा, निगरानी, साइबर सुरक्षा और महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने से जुड़े प्रस्ताव पर गौर किया जा रहा है. बीएसएफ एयर विंग के लिए भी आवंटन बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
सीमा सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी बजट में देखने को मिल सकती है. साइबर चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई 4 सी ) के बजट में काफी वृद्धि की संभावना है. पिछले बजट में भी इस क्षेत्र के लिए बजट आवंटन करीब 70 फीसदी तक बढ़ा था.
अधिकारियों ने कहा, साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व के बारे में केंद्र सरकार संजीदा है. इस क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की मुहिम जारी है. भारत पाकिस्तान सीमा और चीन सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के अलावा नेपाल सीमा पर निगरानी कर रही एसएसबी के लंबित प्रस्तावों पर भी बजट में मुहर लग सकती है. निर्भया फंड के आवंटन में पिछली बार कमी देखने को मिली थी. इस बार महिला सुरक्षा को लेकर इस मद में भी बजट आवंटन बढ़ाने की उम्मीद जताई गई है.
सुरक्षा बलों के इनोवेशन के लिए भी आवंटन में वृद्धि की आस है. सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ सहित अर्धसैनिक बलों को पिछले वर्ष की तुलना में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दस से पन्द्रह फीसदी ज्यादा राशि दिए जाने की उम्मीद है.
इन क्षेत्रों के लिए राशि बढ़ने की उम्मीद
पिछले बजट में बीएसएफ एयर विंग, एयरक्राफ्ट, रिवर बोट और हेलीबेस योजना के लिए आवंटन 78.19 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 263 करोड़ रुपये कर दिया गया था, बजट में यह रुझान बना रहेगा. इसी तरह, आई 4 सी का बजट 94.40 करोड़ रुपये से बढ़कर 150.95 करोड़ रुपये कर दिया गया था. इस मद में फिर बढ़ोत्तरी का संकेत है.