दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन के लिए ये है सबसे उत्तम समय
दिवाली या दीपावली का पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद लंकापति रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे. भगवान श्रीराम की वापसी पर अयोध्यावासियों ने दीपक जलाए थे, तभी से दिवाली मनाने की परंपरा है. इस साल दिवाली कुछ जगहों पर 31 अक्टूबर तो कुछ जगहों पर 1 नवंबर को मनाई जाएगी.
ज्योतिषाचार्य पंकज झा शास्त्री के अनुसार, दीवाली इस साल 31 अक्टूबर को मनाना उत्तम रहेगा. इस दिन अमावस्या तिथि पंचांग अनुसार 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट के बाद होगी. इसका समापन 01 नवंबर को शाम 05 बजकर 23 मिनट पर होगा. दिवाली पूजन प्रदोष काल में अत्यंत शुभ माना गया है. इस तरह से अमावस्या तिथि प्रदोष काल 31 अक्टूबर को मिल रहा है. इस रात में अमावस्या तिथि का निशित काल हो रहा है, जिसमें काली पूजा भी की जाती है.
दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त-
दीपावली में गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 31 मिनट से रात 09 बजकर 55 मिनट तक सभी के लिए उत्तम रहेगा.
काली पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- काली पूजा हर साल कार्तिक मास के अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. पंडित पंकज झा शास्त्री के अनुसार, इस दिन पूरे दिन विधि-विधान के साथ मां काली का पूजन किया जाता है. काली पूजा आधी रात में की जाती है यानी दिवाली के दिन निशित रात्रि में किया जाता है. मान्यता है कि जातक को हर तरह के रोग, भय से मुक्ति मिलती है और मां काली की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन को काली चौदस भी कहा जाता है.
दिवाली पर काली पूजा का शुभ मुहूर्त- दीवाली के दिन काली पूजन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 25 मिनट से रात 01 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.