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राम मंदिर में इस दिन होगा दीपोत्सव का शुभारंभ, धनतेरस से शुरू होगी महालक्ष्मी की 3 दिवसीय पूजा

राम मंदिर में दीपोत्सव के लिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति हो गयी है। बताया गया है कि राम मंदिर व राम दरबार सहित परकोटे के सभी छह मंदिरों, शेषावतार मंदिर व कुबेर टीला के महादेव मंदिर के अलावा परकोटे की भुजाओं पर दस हजार देशी घी के दीपक जलाएं जाएंगे। इसके अलावा सप्त मंडपम सहित पूरे परिसर में 51 हजार मोम के दीपकों को जलाने की व्यवस्था की गयी है। मोम के यह दीए राम मंदिर परिसर में लाए जा चुके हैं। इसके अलावा राम मंदिर के प्रवेश द्वारों से लेकर पूरे पथ पर सरसों तेल के दीए जलाए जाएंगे। उधर राम मंदिर की सीढ़ियों से लेकर अन्य स्थानों पर इलेक्ट्रिक बल्ब व लैंपों से पहले ही सुसज्जित कर दिया गया है।

राम मंदिर में दीपोत्सव का शुभारम्भ हनुमान जी की जयंती के साथ रविवार से होगा। इसके पहले विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर में स्थापित हनुमान जी के श्रीविग्रह को यज्ञशाला में प्रतिष्ठित कर वैदिक आचार्यों द्वारा संकल्पित अनुष्ठान के साथ पूजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में परकोटे की दक्षिणी भुजा पर नवनिर्मित हनुमान जी के मंदिर में भी रामलला के अर्चकों के द्वारा अनुष्ठान व पूजन किया जा रहा है।

राम मंदिर में हनुमान जयंती गोधूलि बेला में मनाई जाएगी और इसी के साथ पूरा परिसर दिव्य प्रकाश की आभा से जगमगा उठेगा। इसके पहले धनतेरस पर्व पर शनिवार से राम मंदिर की यज्ञशाला में महालक्ष्मी का पूजन व दिव्य ग्रंथों का पारायण शुरू होगा। इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति दीपावली के पर्व पर होगी। दीपोत्सव की चल रही तैयारियों के बीच दीयों को सजाने व उन्हें प्रज्ज्वलित करने के लिए निर्धारित स्वयंसेवकों को पास का वितरण शनिवार को किया जाएगा।

स्वयंसेवकों व परिसर में कार्यरत कर्मचारियों के परिजनों को वितरित किए जाने वाले पास दो तिथियों 18 व 19 अक्तूबर में ही मान्य होगी। इस दौरान पास धारक स्वयंसेवक परिसर में निर्मित परकोटे के मंदिरों के अलावा शेषावतार, सप्त मंडपम व कुबेर टीला में कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भी दर्शन कर सकेंगे। वहीं 20 अक्तूबर को दीपावली के मुख्य पर्व पर संगठन के ही कार्यकर्ताओं की टोली दीपोत्सव में सहभागी होगी। दरअसल त्योहार के कारण अधिकांश लोग घरों में पूजा-अर्चना के साथ पारम्परिक उत्सव मनाने में व्यस्त रहेंगे। इसके कारण कार्यकर्ताओं की टोली को रिजर्व में रखा गया है।

फिलहाल शनिवार को स्वयंसेवकों को पास वितरण के साथ परिसर में रंगोली निर्माण का काम भी अलग-अलग टोलियों के द्वारा किया जाएगा क्योंकि रविवार को दीपोत्सव के मुख्य पर्व पर निर्धारित समय में दीप प्रज्ज्वलित किया जाना जरूरी है। इसके विपरीत रंगोली बनाने में खासा समय भी लगेगा।

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