राजस्थान की राजधानी जयपुर के हरमाड़ा इलाके में सोमवार को एक डंपर ने ऐसा कहर बरपाया जिसने 14 लोगों की जिंदगियां खत्म कर दीं. चालक करीब 5 किलोमीटर तक तेज रफ्तार से डंपर चलाता रहा जिससे टकराने के बाद 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हादसा इतना भीषण था कि देखने वालों की रूह भी कांप गई. सड़क पर जगह-जगह खून से लथपथ लोग पड़े हुए थे और दर्द की वजह से चीख-चीख कर मदद की गुहार लगा रहे थे. जब तक डंपर की रफ्तार पर काबू पाया गया तब तक बहुत देर हो गई थी. जहां-जहां से डंपर गुजरा वहां-वहां चीख-पुकार मच गई थी. घायल लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है जहां पर उनका इलाज चल रहा है.
‘दम है तो पास कर, वर्ना बर्दास्त कर…’ ये वो लाइन है जो कि डंपर के पीछे लिखी हुई थी. इस लाइन के मतलब भले ही कुछ भी हों लेकिन हादसे के बाद जो मंजर जयपुर की सड़कों पर दिखा उसके बाद से यह एक चेतावनी से कम दिखाई नहीं दे रही. बताया जा रहा है कि डंपर अलंकार कंस्ट्रक्शन, एफ2 बालाजी टावर का है. डंपर के ड्राइवर विराटनगर निवासी कल्याण मीणा को अरेस्ट कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि डंपर का ड्राइवर नशे की हालत में था जब उसने इस घटना को अंजाम दिया. घटना के वक्त डंपर भी खाली था.
कार से हुई थी डंपर की टक्कर
बताया जा रहा है कि डंपर की टक्कर पहले एक कार से हुई थी. जब कार चालक ने डंपर को रोकने की कोशिश की और पीछा किया तो ड्राइवर लगातार डंपर की स्पीड बढ़ाता चला गया और एक-एक कर कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. डंपर जब किसी तरह रुका तो लोगों ने डंपर चालक को पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसे छुड़ाया और गिरफ्तार कर लिया.
10 मिनट बाद होनी थी स्कूल की छुट्टी
गनीमत रही कि डंपर ने जब इस घटना को अंजाम दिया उस वक्त सड़क पर बच्चे नहीं थे. वहीं पास में ही एक स्कूल है जिसकी 10 मिनट बाद छुट्टी होनी थी. अगर 10 मिनट बाद ये हादसा होता तो मंजर इतने भयानक हो जाते जो कल्पना से परे हैं. पीएम मोदी ने इस हादसे पर गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है.



















