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Zwigato Movie Review:  फूड डिलीवरी बॉय के संघर्ष की भावुक करने वाली कहानी है ‘ज्विगाटो’

पारिवारिक मनोरंजक फिल्में पसंद करने वाले लोगों के लिए ‘ज्विगाटो’ किसी ट्रीट से कम नहीं है. एक साधारण परिवार कैसे सुख-दुख सहते हुए रोजाना की मुसीबतों का सामना करता है,यह ‘ज्विगाटो’ में दिखाया गया है. यह फिल्म 17 मार्च को थिएटर्स में रीलीज होने जा रही है. फिल्म में कपिल शर्मा ने शानदार अभिनय का परिचय दिया है. हम सब जानते हैं कि कोविड के दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गई और उन्हें मजबूरीवश अलग-अलग प्रकार के पेशे अपनाने पड़े. इस कहानी के नायक को भी जब कोविड के दौरान मैनेजर की पोस्ट से हाथ धोना पड़ा, तो उसने मजबूरीवश डिलीवरी बॉय का पेशा अपना लिया. लेकिन इस पेशे में उसे किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ा यह इस फिल्म में बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है. दूसरी ओर यह फिल्म डिलीवरी बॉयज़ के दर्द को भी चित्रित करती है कि किस तरह उन्हें रोजाना की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. अगर उनके खिलाफ कोई शिकायत मिलती हैं तो कंपनियां उनका पक्ष जाने बगैर उनका एप बंद कर देती हैं. कहानीं में ओरिजनेलिटी है, जो दिल को छूती है. नंदिता दास एक मंजी हुई निर्देशक है और इससे पहले भी अपने निर्देशन के जौहर दिखा चुकी हैं . उन्हें अपने कलाकारों से बेहतरीन काम लेना आता है.

कहानी

मानस (कपिल शर्मा) एक कंपनी में मैनेजर है जिसकी कोविड के दौरान नौकरी छूट जाती है. उसे परिवार में उसकी मां, बीवी प्रतिमा (शहाना गोस्वामी) और दो बच्चे हैं. आजीविका कमाने के लिए वह फूड डिलीवरी बॉय बन जाता है और फिर रेटिंग और इंसेंटिव के चक्कर में उसकी कभी न खत्म होने वाली दौड़ शुरू हो जाती है जिसका असर उसकी बीवी और बेटी पर भी पड़ता है. इस दौड़ धूप के बीच उसकी बीवी भी काम करने निकल पड़ती है. जिंदगी के इस संघर्ष में यह परिवार कैसे अपनी गुजर-बसर करता है, यही इस फिल्म में दिखाया गया है. इस पूरे संघर्ष का क्या परिणाम निकलता है इसके लिए आपको थिएटर जाना पड़ेगा .

एक्टिंग

साधारण परिवार से निकलकर विश्व भर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले कपिला शर्मा ने अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ़ किया है. फिल्म में उन्होंने साबित कर दिया है कि वे सिर्फ कॉमेडियन ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता भी हैं. मानस और प्रतिमा झारखंड के हैं इसलिए बोली और इसके लहजे पर भी खास ध्यान दिया गया है. इस फिल्म के लिए नंदिता दास ने भूमिस्तर पर काम किया है और फिल्म के लिए फ़ूड डिलीवरी बॉयज के साथ काफी इंटरेक्शन भी किया है. फिल्म में मानस (कपिल शर्मा) की बीवी प्रतिमा के रूप में शहाना गोस्वामी ने भी शानदार काम किया है .

डायरेक्शन

नंदिता दास ने फिल्म को बेहतरीन तरीके से डायरेक्ट किया है. उन्होंने कहानी में हर छोटी से छोटी चीज पर बारीकी से ध्यान दिया है. एपलॉज़ एंटरटेनमेंट के प्रोडक्शन हाउस तले बनी इस फिल्म के निर्माता समीर नायर, दीपक सेगल और नंदिता दास हैं. स्क्रीनप्ले नंदिता दास और समीर पाटिल का है जिस पर फिल्म पूरी तरह खरी उतरती है. सिनेमेटोग्राफी रंजन पाटिल की है और सागर देसाई ने संगीत दिया है.

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