भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार देशभर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के रेलवे स्टेशनों का डाटाबैंक तैयार किया जाएगा.
सरकार का मकसद है कि अंग्रेजों के जमाने से लेकर अब तक बनाए गए समृद्ध व विविध रेलवे स्टेशनों के बारे में देशवासियों को रू-ब-रू कराया जाए. इससे देश-विदेश के पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. रेलवे बोर्ड ने इस बाबत 14 मार्च को सभी 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस जानकारी की सत्यनिष्ठा व प्रामाणिकता के लिए एक समिति की गठन किया जाएगा. जो रेलवे बोर्ड को भेजने से पहले उपलब्ध अभिलेखागार, नींव पट्टिका, वाणिज्यिक परिपत्रों, उद्घाटन दस्तावेज, पास के पुलों के विवरण और सूचना के किसी अन्य स्रोत के साथ जानकारी की जांच करेगी. इसके पश्चात रेलवे स्टेशनों के उक्त डाटाबैंक को पैसेंजर अमनीटीज मैनेजमेंट सिस्टम (पीएएमएस) पर अपलोड किया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने क्रिस पीएएमएस की वेबसाइट में जरूरी बदलाव करने के निर्देश दे दिए हैं.
सभी जानकारियां जुटाने का काम शुरू
भारतीय रेलवे ने रेलवे स्टेशनों का इतिहास से जुड़े सभी जानकारियां जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें स्टेशन का नाम, राज्य का नाम, जिला, स्टेशन की विरासत, पुरानी तस्वीरें, भवन की विवधता, विरासत, कला-संस्कृति, तीर्थ यात्रा आदि की जानकारी एकत्र की जा रही है. इसके अलावा देश में सात रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म विश्व में सबसे लंबे हैं. इसकी विशेषताओं का उल्लेख किया जाएगा.