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एक समय था, जब भारत में गाड़ियों को केवल आयात यानि इम्पोर्ट किया जाता था. लेकिन समय के साथ-साथ देश में गाड़ियों के बनाने की शुरुआत भी हो गयी.
अब आलम ये है कि भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है और दुनिया के कई देशों में मेड इन इंडिया कारों की अच्छी खासी डिमांड भी देखने को मिलती है. जिसकी जानकारी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों से पता चलता है.
कितनी हुई एक्सपोर्ट में बढ़ोत्तरी?
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में पिछले साल की तुलना में गाड़ियों के एक्सपोर्ट में बढ़ोत्तरी हुई है. फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में पैसेंजर गाड़ियों का कुल एक्सपोर्ट 6,62,891 यूनिट्स रहा, जो 2021-22 में केवल 5,77,875 यूनिट्स का था.
सियाम (Society of Indian Automobiles Manufacturer) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक्सपोर्ट की जाने वालीं पैसेंजर कार शिपमेंट 4,13,787 यूनिट्स का रहा, जो इससे पहले की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं यूटिलिटी गाड़ियों का एक्सपोर्ट 23% बढ़कर 2,47,493 यूनिट्स पर पहुंच गया. हालांकि, वैन इस मामले में थोड़ा पीछे रही और इसका एक्सपोर्ट घटकर फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में 1,853 यूनिट्स के मुकाबले 1,611 यूनिट्स रह गया है.
किस कंपनी ने बेचीं कितनी गाड़ियां
अगर-अलग कंपनियों के द्वारा बेचीं गयीं गाड़ियों के आंकड़े देखे तो, मारुति ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में 2,55,439 यूनिट्स गाड़ियों का एक्सपोर्ट किया,हुंडई ने 1,53,019 गाड़ियों एक्सपोर्ट किया, किआ इंडिया ने 85,756 गाड़ियों का जबकि निसान मोटर इंडिया ने 60,637 गाड़ियों का एक्सपोर्ट करने में सफल रही. वहीं फॉक्सवैगन इंडिया 27,137 गाड़ियों का और होंडा कार्स इंडिया 22,710 गाड़ियों का. जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा 10,622 गाड़ियों का एक्सपोर्ट करने में सफल रही.
मारुति सुजुकी की बल्ले बल्ले
सियाम के नए आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023 में एक्सपोर्ट होने वाली मेड इन इंडिया गाड़ियों में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी ने 2.5 लाख से ज्यादा का किया है. सबसे ज्यादा गाड़ियों को एक्सपोर्ट करने के मामले में हुंडई मोटर इंडिया दूसरे नंबर पर और किआ इंडिया तीसरे नंबर रही है.