ओडिशा की कोलाब नदी में मछली की नई प्रजाति मिली
भुवनेश्वर. ओडिशा के कोरोपुट की कोलाब नदी में शोधकर्ताओं को मछली की नई प्रजाति का पता लगा है. कोरापुट के ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूओ) और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) की टीम को यह सफलता मिली है.
सीयूओ के शोधकर्ता गोदावरी की महत्वपूर्ण सहायक नदी कोलाब में जीनस गर्रा की कुछ मछलियों पर जांच कर रहे थे. तभी इस मछली की नई प्रजाति के बारे में पता चला. इस प्रजाति को जीएसआई के डॉ. लैशराम कोश्यिन के सम्मान में ‘गर्रा लैशरामी’ नाम दिया गया है. इस शोध को जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘इचथियोलॉजिकल एक्सप्लोरेशन ऑफ फ्रेशवाटर्स’ में भी स्थान दिया गया है.
खास है बनावट शोधकर्ताओं के मुताबिक इस प्रजाति की मछलियां लंबी, छोटी से मध्यम आकार की होती हैं और पानी में काफी अंदर रहती हैं. इनके गूलर क्षेत्रों से उत्तकों के विकास के कारण गूलर डिस्क बनता है जो उनके थूथन के आकार और बनावट को अन्य मछलियों से अलग करता है. इस प्रकार की मछलियां, बोर्नियों, दक्षिणी एशिया से लेकर मध्य पूर्व एशिया, अरब प्रायद्वीपल और अफ्रीका में मिलती हैं. हालांकि, गर्रा लैशरामी सिर्फ पूर्वी घाट के कोलाब में पाए जाने की जानकारी मिली है.