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लखीमपुर . दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल में जैव विविधता बेहतर हो रही है. यहां विलुप्त प्राय पैंगोलिन जीव दिखाई दिया है. इसे सामान्य भाषा में सल्लू सांप भी कहा जाता है. इससे पहले 2010 में यह दिखाई दिए जाने की बात कही जा रही है.
दुधवा टाइगर रिजर्व में सिर्फ बाघ, हाथी, तेंदुए ही नहीं, कई अन्य वन्यजीवों का भी बसेरा है. ये वन्यजीव जंगल में सबकी निगाह में नहीं आ पाते. इनमें से ज्यादातर तो विलुप्त प्राय की श्रेणी में होते हैं तो कई प्रजातियां ऐसी होती हैं जिनकी संख्या कम रहती है.
ऐसे में रिजर्व में बायोलॉजिस्टों की टीम सर्वेक्षण अभियान चला रही है. इसके जरिए कम आबादी वाले, विलुप्त प्राय या बहुत कम दिख रहे वन्यजीवों को दर्ज किया जा रहा है. इसी अभियान के दौरान पैंगोलिन दिखाई दिया है.
संकटग्रस्त घोषित है
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने इसे संकटग्रस्त घोषित करते हुए इसके संरक्षण की जरूरत बताई है. इससे पहले दुधवा में पिछले हफ्ते ही उड़न गिलहरी भी दिखी थी. पैंगोलिन का शरीर कठोर केराटिन के बने शल्कों से ढका होता है.
खतरा देखकर शरीर कर लेता है गोल
पैंगोलिन बेहद सीधा जीव है. इसका नाम जरूर सल्लू सांप है, लेकिन यह सांप नहीं है. यह स्तनपाई जीव है, जो खतरा देखकर अपना आकार गोल कर लेता है. यह चीटिंयों और दीमक को खाता है.