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डाटा चुराकर विदेश से पैसे निकालने वाले 2 हत्थे चढ़े

स्पेशल स्टाफ ने फॉरेक्स कार्ड का डाटा चोरी कर विदेश में रकम निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से दो कार, सात फोन, दो वाईफाई डोंगल और दो राउटर बरामद किए हैं. यह गिरोह चार साल में करीब 64 लाख रुपये की ठगी कर चुका है.

डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बीते साल दिसंबर में बुजुर्ग महिला सुनयनी गुप्ता निजी बैंक का फॉरेक्स कार्ड लेकर लंदन गई थीं. जब वहां उन्होंने कार्ड का इस्तेमाल किया तो पता लगा कि इसमें से दस लाख रुपये कीमत के पौंड की निकासी हो चुकी है. लौटने पर उन्होंने बैंक और पुलिस को शिकायत की. बैंक ने बाड़ा हिंदू राव थाने में शिकायत दर्ज कर स्पेशल स्टाफ के एसआई रोहित को जांच सौंप दी. जांच के दौरान ही बैंक ने ठगी की रकम को पीड़िता को वापस कर दिया.

बैंक ने आंतरिक जांच की तो मालूम हुआ कि फॉरेक्स कार्ड डिवीजन को बीते चार साल में करीब 64 लाख रुपये की कीमत की विदेशी मुद्रा का नुकसान हो चुका है. यह रकम अलग-अलग देशों के शहरों बैंकाक, दुबई और हांगकांग में निकाली गई थी. इसके बाद यह रिपोर्ट पुलिस से साझा की.

फोन नंबर और ई-मेल आईडी बदलवा देते थे आरोपी पारस संबंधित निजी बैंक के फॉरेक्स कार्ड डिवीजन में कार्यरत था. उसने सोनल और संदीप ओझा को बिना नाम के फॉरेक्स कार्ड और ग्राहकों के फॉरेक्स कार्ड की सभी जानकारियां दी. सोनल और संदीप फर्जी कागजातों पर जारी सिम कार्ड से बैंक के कॉल सेंटर पर फोन कर पीड़ित के फॉरेक्स कार्ड की सभी जानकारियां मसलन फोन नंबर और ई-मेल आईडी बदलवा देते थे.

इसके बाद पीड़ित के कार्ड से विदेशी मुद्रा को अपने फॉरेक्स कार्ड में ट्रांसफर कर देते. आरोपी सोनल अक्सर बैंकाक में रहता था. वह और संदीप अक्सर विदेश जाकर ही ठगी की विदेशी मुद्रा निकाल लेते थे.

मोबाइल के आईपी एड्रेस से मिला ठगों का सुराग

पुलिस को बैंक से कुछ फोन नंबर मिले, जिनका इस्तेमाल ठगी में किया गया था. एसआई रोहित एवं एएसआई हरफूल की टीम ने नंबर के जरिए मोबाइल की आईएमईआई का पता लगाया. फिर फोन से चल रहे आईपी एड्रेस के जरिए तलाश शुरू की. दिल्ली से जाने वाले यात्रियों की जानकारी ढूंढ़ी गई. इसमें एक की पहचान पश्चिम विहार निवासी सोनल के तौर पर हुई, लेकिन सोनल थाईलैंड गया हुआ था. जब वह 10 अप्रैल को लौटा तो पुलिस ने दबोच लिया. फिर उसकी निशानदेही पर बैंक कर्मचारी पारस चौहान को भी दबोच लिया.

क्या है फॉरेक्स कार्ड

फॉरेक्स कार्ड एक प्लास्टिक कार्ड है, जिसमें चिप होती है. बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा के लिए यह कार्ड जारी किया जाता है. जब आप यह कार्ड बैंक से खरीदते हैं तो बैंक आपके आवेदनुसार और देश के विदेशी मुद्रा कानूनों के अनुसार मुद्रा डाल देते हैं. यह एटीएम कार्ड की तरह होता है और आप विदेशों में एटीएम, पीओएस पर प्रयोग करके नकदी निकाल सकते हैं या खरीदारी कर सकते हैं. इसमें एक साथ कई देशों की मुद्राएं हो सकती हैं. कार्ड होल्डर किसी भी देश में किसी अन्य देश की मुद्रा निकाल सकता है.

हवाला और सट्टे के जरिए आता था धन

यह गिरोह विदेशी मुद्रा को हवाला के जरिए भारत भेजता था. इसके अलावा आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाकर यह रकम भारत में ले लेता था. पुलिस ने इस रकम से खरीदी गई दो कार भी बरामद की हैं. फिलहाल पुलिस गिरोह के दूसरे सदस्यों की तलाश कर रही है.

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